
अपडेटेड 16 August 2025 at 20:29 IST
Janmashtami 2025 Puja Vidhi: इन चीजों का रखें ध्यान, कहीं जाने-अनजाने में रह न जाए जन्माष्टमी की पूजा अधूरी, जानें व्रत खोलने का समय और जरूरी सामग्री
हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त, शनिवार को मनाई जाएगी। परंपरा के अनुसार, भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और रात 12 बजे नंदलाल के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं। दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करने के बाद उनका श्रृंगार किया जाता है और भोग अर्पित किया जाता है।
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जन्माष्टमी पर जरूरी पूजा सामग्री
बाल गोपाल और सजावट की चीजें
- लड्डू गोपाल की प्रतिमा
- बाल गोपाल के वस्त्र और आभूषण
- मुरली और मोरपंख
- सिंहासन और झूला
- गाय-बछड़े की प्रतिमा
- आसन
- तुलसी की माला
- कमलगट्टा

पूजा की थाली के लिए
- धूपबत्ती
- अगरबत्ती
- कपूर
- रोली
- कुमकुम
- चंदन
- सिंदूर
- चावल
- हल्दी
- पान के पत्ते
- सुपारी
- पुष्पमाला
- ताजे फूल
- रुई
- सप्तधान
- तुलसी दल
- दूर्वा
- कुश
- गंगाजल
- शहद
- गाय का दूध
- दही
- घी
- दीपक
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भोग और प्रसाद के लिए
- शक्कर
- मिश्री
- माखन
- मौसमी फल
- केले के पत्ते
- नारियल
- खीरा
- पंचमेवा
- छोटी इलायची
- पंचामृत
- मिष्ठान

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व क्या है?
मान्यता है कि भाद्रपद मास की कृष्ण अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
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जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को धनिया पंजीरी का भोग विशेष रूप से लगाएं। यह अहम भोग में से एक माना जाता है। Image: Freepik

इस दिन भक्तजन पूरे दिन व्रत रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और रात को भगवान श्रीकृष्ण का विशेष पूजन करते हैं।
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बाल गोपाल का अभिषेक कर उन्हें झूले पर बिठाने और चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा भी इस दिन का खास महत्व बताती है।
Image: FreepikDisclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Samridhi Breja
पब्लिश्ड 16 August 2025 at 20:29 IST