
अपडेटेड 6 July 2025 at 18:31 IST
Sawan Kawad Yatra 2025: अलग-अलग तरह की होती हैं कावड़ यात्रा, जानें क्या है इनका महत्व?
सावन का महीना शुरू हो चुका है। ऐसे में भक्तजन शिव की भक्ति में लीन होकर पूजा-अर्चना करते नजर आ रहे हैं। इसी के साथ में कावड़ यात्रा भी 11 जुलाई से शुरू होने वाली है। इस पवित्र महीने में कावड़ नंगे पांव हाथ में कांवड़ और ज्योतिर्लिंग जाते हैं और गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदी से उनका जलाभिषेक करते हैं। वहीं पूरे सावन के महीने ये सिलसिला इसी तरह से चलता रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कावड़ यात्रा कई तरह की होती हैं?
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साधारण कावड़ यात्रा
यह बिल्कुल सामान्य कावड़ यात्रा होती है, जिसमें केवल कावड़ को जमीन पर नहीं रखना होता है, लेकिन भक्तजन आराम करके और रुक-रुक कर यह यात्रा कर सकते हैं।
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झूला कावड़ यात्रा
यह यात्रा विशेष रूप से बच्चों के लिए होती है। इसमें बांस की छड़ी पर झूलते हुए बर्तन होते हैं, जिसमें इस तरह की कांवड़ को झूलते हुए ले जाते हैं
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खड़ी कावड़ यात्रा
इस यात्रा में भक्त खड़ी कांवड लेकर चलते हैं। बता दें कि इस यात्रा में कांवड़ के साथ एक सहयोगी भी होता है, जो उनके साथ चलता है।

डाक कावड़ यात्रा
डाक यात्रा में जब तक कावड़ जलाभिषेक ना कर लें, तब तक बिना रुके चलते रहते हैं और भगवान शिव को याद करते हैं।
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दांडी कावड़ यात्रा
यह बेहद कठिन होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस कावड़ यात्रा में भक्त दंड बैठक करते हुए यात्रा को पूरा करते हैं।
Image: PTOIDisclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Samridhi Breja
पब्लिश्ड 6 July 2025 at 18:31 IST