अपडेटेड 27 June 2025 at 10:05 IST
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बता दें कि पुरी में जगन्नाथ रथ की यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में इस पावन यात्रा के दौरान 'छेरा पहरा' परंपरा बड़ी धूमधाम से निभाई जाती है।
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इस परंपरा के दौरान रथ के मार्ग की सफाई सोने की झाड़ू से की जाती है। जी हां इसके पीछे धार्मिक और ज्योतिष मान्यता छिपी है।
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बता दें, जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक चलने वाली है। ऐसे में ये 12 दिन भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होंगे…
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और गुड़िंचा मंदिर यात्रा करेंगे। इस दौरान कहीं ऐसी परंपरा निभाई जाएंगी जो अनूठी होने के साथ-साथ अनोखी होंगी। उनमें से एक रस्म है छेरा पहरा।
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बता दें कि इस रस्म के दौरान जहां-जहां भगवान का रथ निकलता है वहां-वहां सोने की झाड़ू से सफाई की जाती है। अब सवाल ये है कि ऐसा क्यों होता है।
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पौराणिक मान्यता के अनुसार, सोना न केवल पवित्र धातु है बल्कि इसका इस्तेमाल देवी देवता की पूजा के रूप में भी किया जाता है।
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ऐसे में ये परंपरा गजपति राजवंश के राजा या उनके प्रतिनिधियों द्वारा ही की जाती है। ऐसे में भगवान के सामने सब एक जैसे हैं चाहे वह राजा हो या कोई आम व्यक्ति।
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बता दें कि 'छेरा पहरा' परंपरा न केवल भक्ति को दर्शाती है बल्कि विनम्रता और आध्यात्मिकता शुद्धता का अद्भुत संगम भी है।
/ Image: R BharatDisclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
पब्लिश्ड 27 June 2025 at 10:05 IST