Hariyali Teej 2025

अपडेटेड 25 July 2025 at 12:34 IST

Hariyali Teej 2025 Vrat Katha: हरियाली तीज व्रत कथा के बिना अधूरी है पूजा, पढ़ें यहां

बता दें हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा करती हैं और आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इस साल यह 26 जुलाई को मनाई जा रही है।

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इस दिन महिलाएं न केवल निर्जला व्रत रखती हैं बल्कि यह करवा चौथ की तरह कठिन व्रत भी माना जाता है। अगर आप इसकी कथा के बारे में जानना चाहते हैं तो…

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बहुत समय पहले की बात है हिमालय पर माता पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए घोर तप किया। ऐसे में उन्होंने अन्न जल त्याग दिया और सूखे पत्ते चबाकर दिन व्यतीत किया।

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ना उन्होंने दिन की परवाह की ना मौसम की। उन्होंने निरंतर तप किया। ऐसे में उनके पिता भैया दुखी रहने लगे। एक दिन नारद उनके घर पधारे।

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तब पिता ने आने का कारण पूछा तो वे बोले गिरिराज मुझे भगवान विष्णु ने भेजा है। तुम्हारी बेटी के घोर तपस्या से भगवान विष्णु प्रसन्न हैं और वे उनसे विवाह करना चाहते हैं। 

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ऐसे में हम आपकी राय जानना चाहते हैं। पिता ने कहा कि विष्णु मेरी कन्या से विवाह करेंगे तो इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती। मैं तैयार हूं। नारद जी ने विष्णु जी के पास जाकर ये समाचार सुनाया।

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इधर जब माता पार्वती को विवाह के बारे में पता चला तो वे बेहद दुखी हुईं। फिर उन्होंने अपनी सहेली को ये बात बताई तो सहेली ने सुझाव दिया कि तुम घनघोर जंगल में जाकर छुप जाओ और…

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शिव को प्राप्त करने की साधना करो। ऐसे में जब पिता ने मां पार्वती को घर में नहीं पाया तो बड़े चिंतित और दुखी हुए। ऐसे में जब विष्णु जी बारात लेकर आए तो माता पार्वती घर में नहीं मिली।

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उस वक्त माता को ढूंढ़ के लिए धरती आकाश एक कर दिए लोक पाताल में जाकर छाना पर फिर बारात वापिस चली गई। इधर एक गुफा के अंदर माता पार्वती आराधना कर रही थीं।

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तब उन्होंने सावन महीने की तृतीया शुक्ल को रेत से शिवलिंग बनाया, जिससे भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूरी की। उसके बाद माता पार्वती ने अपने पिता से कहा

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पिताजी मैंने अपने जीवन का लंबा समय भगवान शिव की तपस्या में बिताया है और अब उन्होंने मेरी तपस्या को स्वीकार किया है ऐसे में मैं आपके साथ चलूंगी पर…

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आपको मेरा विवाह भगवान शिव के साथ करना होगा। पर्वतराज ने स्वीकार किया और उन्हें वापस ले गए। उसके बाद विधिपूर्वक भगवान शिव के साथ माता पार्वती का विवाह हुआ।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 25 July 2025 at 12:34 IST