Diwali 2025

अपडेटेड 17 October 2025 at 16:44 IST

Diwali 2025: भगवान राम के वनवास से लौटने पर अयोध्या में कैसे मनाई गई थी खुशी, पटाखे भी जलाए थे? जानिए पटाखों का इतिहास

Diwali 2025: क्या आप जानते हैं कि ज भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तब उनका स्वागत कैसे किया गया था? आइए इस फोटो गैलेरी में विस्तार से जानते हैं।

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हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। साथ ही इस दिन भगवान राम भी 14 साल के वनवास के बाद लौटे थे। 

Image: Freepik

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अब ऐसे में सवाल है कि क्या भगवान राम के समय में भी पटाखे फोड़े गए होंगे? आइए इस फोटो गैलेरी में विस्तार से जानते हैं। Image: Freepik

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जब प्रभु श्रीराम 14 साल के बाद अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने पटाखों से नहीं बल्कि तेल के दीयों की कतारें जलाकर उनका स्वागत किया था। Image: Freepik

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पटाखे किसी भी जश्न का प्रतीक माने जाते हैं। बिना पटाखों के दिवाली का त्योहार अधूरा सा लगता है। Image: Freepik

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पटाखें विशेष रूप से उत्सव को बढ़ाने का दिन माना जाता है। साथ ही इससे सभी परिवार वाले एक साथ इस उत्सव को मनाते हैं। Image: Freepik

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पटाखों का आविष्कार सबसे पहले चीन ने 800 ईस्वी में की थी। इसमें बारूद से भरे बांस के डंठल होते थे जिन्हें जलने पर तेज विस्फोट होता था। Image: Freepik

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भारत में मुगल काल से पटाखों की शुरूआत हुई। पटाखों का उत्पादन 19वीं शताब्दी में हुआ। आज तमिलनाडु का शिवकाशी भारत ने पटाखा उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। Image: Freepik

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 17 October 2025 at 16:44 IST