अपडेटेड 29 June 2025 at 13:46 IST
1/7: ऐसी मान्यता है देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। इन चार महीनों के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश नहीं किए जाते। / Image: Freepik
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पंचाग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 05 जुलाई की शाम 06.58 बजे होगी, जो 06 जुलाई की रात 09.45 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि की मान्यता है, ऐसे में देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को ही मनाई जाएगी।
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देवशयनी एकादशी की तिथि और व्रत पारण का समय
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एकादशी के दिन उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित कर पूजन करते हैं।
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ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और दीपदान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि और धनवृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
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एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। तुलसी का चौरा ऐसा स्थान है जो मां लक्ष्मी को प्रिय है। यहां दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत पापों का नाश करने वाला है और इस व्रत का पालन करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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पब्लिश्ड 29 June 2025 at 13:46 IST