
अपडेटेड 21 May 2025 at 19:41 IST
Grey Wolf: बच्चे अंधे और बहरे पैदा होते हैं फिर भी खूंखार, 8 दशक बाद दिल्ली में दिखने वाले ग्रे वुल्फ की क्यों हो रही चर्चा
दिल्ली के यमुना के किनारे फैले बायोडायवर्सिटी ज़ोन के करीब पल्ला क्षेत्र में ग्रे-वुल्फ दिखाई दिया है। इस वुल्फ के इस इलाके में पाए जाने की खबर आग की तरह फैली है। इस खबर के साथ ही वन्यजीव प्रेमियों और विशेषज्ञों के लिए एक नया रोमांच दिखाई दिया है। आपको बता दें कि इसके दिल्ली में ग्रे-वुल्फ एक अंतिम बार 1940 में देखा गया था।
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इंडियन 'ग्रे-वुल्फ' को देश में पहले ही विलुप्त प्राणियों में रखा गया है। आमतौर पर यह मध्य भारत, राजस्थान और कुछ दक्षिणी राज्यों में देखा जाता है।
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भेड़िये खेलते हैं। वयस्क भेड़िये भी लाठी या अन्य पाई जाने वाली वस्तुओं से "खिलौने" बनाते हैं। "टग ऑफ़ वॉर" उनका पसंदीदा खेल है। और भेड़ियों को एक-दूसरे को चिढ़ाना बहुत पसंद है।
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2KM दूर से सूंघ सकता है... कितना खतरनाक होता है 'इंडियन ग्रे वुल्फ'? जिसके 8 दशक बाद दिल्ली में देखे जाने का किया जा रहा दावा Image: Pixabay

भेड़ियों के झुंड परिवार होते हैं। माता-पिता या प्रजनन करने वाला जोड़ा नवजात शिशुओं से लेकर वयस्कों तक संतानों का नेतृत्व करता है।
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पैदा होने के बाद काफी दिनों तक असहाय होते हैं भेड़िए के बच्चे। ऐसा इसलिए कि ग्रे वुल्फ के बच्चे अंधे और बहरे पैदा होते हैं।

एक भेड़िये की तरह भूखे होते हैं ग्रे-वुल्फ भेड़िये सबसे बूढ़े, सबसे छोटे या सबसे कमज़ोर बड़े खुर वाले जानवरों का शिकार करते हैं। लेकिन वे कभी-कभी चूहे, खरगोश और अन्य छोटे जीवों को भी खा जाते हैं।

जंगली भेड़िये काफी शर्मीले होते हैं। खास तौर पर इंसानों के साथ, वे अक्सर लोगों से दूर रहते हैं बजाय इसके कि वे सामने आकर उन्हें डराएं।
Image: PC: PixabayPublished By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 21 May 2025 at 19:41 IST