अपडेटेड June 17th 2024, 23:28 IST
1/7: Nirjala Ekadashi Niyam: साल में पड़ने वाली 24 एकादशियों में कुछ एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। उन्हीं में से एक निर्जला एकादशी भी है। इस दिन कुछ कामों को करने से सभी दुखों का नाश होता है। / Image: Instagram
2/7: वैसे तो इस व्रत में एकादशी के सूर्योदय से द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक निर्जल रह कर व्रत करने का विधान है पर जो लोग कमजोर या फिर बीमार रहते हैं वह जल पीकर और एक बार फलहार कर सकते हैं। / Image: instagram
3/7: इस एकादशी को श्रीहरि को प्रिय तुलसी की मंजरी और पीला चन्दन, रोली, अक्षत, पीले पुष्प, ऋतु फल और धूप-दीप, मिश्री आदि से भगवान दामोदर का भक्ति-भाव से पूजन करना चाहिए। / Image: Freepik
4/7: इस दिन तुलसी के पत्र नहीं तोड़ने चाहिए, शास्त्रों में ऐसा करना वर्जित बताया गया है। / Image: Freepik
5/7: एकादशी के दिन गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करने से प्राणी पापमुक्त-कर्जमुक्त होकर विष्णुजी की कृपा पाता है। / Image: Freepik
6/7: रात्रि के समय भगवान नारायण की प्रसन्नता के लिए नृत्य, भजन-कीर्तन और स्तुति के द्वारा जागरण करना चाहिए। ऐसा करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। / Image: Freepik
7/7: यह व्रत ज्येष्ठ मास में पड़ने के कारण इस दिन गर्मी से राहत देने वाली शीतल वस्तुओं का दान करना चाहिए। इस दिन गोदान, वस्त्रदान, छत्र, जूता, फल आदि का दान करना बहुत ही लाभकारी होता है। / Image: freepik
पब्लिश्ड June 17th 2024, 23:28 IST