
अपडेटेड 12 September 2025 at 22:46 IST
Fear of Rats: चूहों को देखते ही चीखने क्यों लगते हैं लोग? ये है असली कारण, जानें डर पर काबू पाने के उपाय
घर में चूहा दिखते ही कुर्सी पर चढ़ जाना, चीख मारना या दिल की धड़कन तेज हो जाना। ये नजारे फिल्मों में हास्यास्पद लगते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में ये गंभीर समस्या हो सकती है। यह म्यूसोफोबिया (musophobia) नामक फोबिया का लक्षण है, जो चूहों से तर्कहीन डर पैदा करता है।
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बचपन की यादें: ज्यादातर केसों में ये डर बचपन के किसी भयानक अनुभव से शुरू होता है। जैसे घर में चूहा घुसना या मां-बाप का चिल्लाना। अगर परिवार में कोई चूहों से डरता है, तो बच्चे में यह डर दिखता है।
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चूहों को गंदा दिखाना: सांस्कृतिक और मीडिया प्रभाव भी बड़ा रोल निभाते हैं। फिल्में, किताबें और कार्टून जैसे टॉम एंड जेरी चूहों को गंदा या खतरनाक दिखाते हैं।
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जीन का खेल: जीनेटिक और संज्ञानात्मक कारण भी हैं। कुछ लोग आनुवंशिक रूप से फोबिया की ओर झुके होते हैं। दिमाग में "कैटास्ट्रॉफिक थॉट्स" आते हैं, जैसे "चूहा काट लेगा"।
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राहत की शुरुआत: एक्सपोजर थेरेपी, अच्छी खबर: म्यूसोफोबिया को दूर किया जा सकता है। ग्रेजुअल एक्सपोजर थेरेपी सबसे प्रभावी है। पहले तस्वीरें देखें, फिर वीडियो, अंत में पेट शॉप में दूर से। गहरी सांस लें।
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थेरेपी का सहारा: संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) नकारात्मक विचारों को चुनौती देती है। 'चूहा हानिरहित है' जैसे मंत्र दोहराएं।

शांति की कुंजी: रिलैक्सेशन तकनीकें जैसे योग, मेडिटेशन अपनाएं। साथ ही चूहे के कार्टून कैरेक्टर के बारे में सोचे।
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डर पर काबू: प्रोफेशनल मदद लें, मनोचिकित्सक या हिप्नोथेरेपी। याद रखें, चूहे आपसे ज्यादा डरते हैं। धैर्य रखें, यदि डर गंभीर है, डॉक्टर से संपर्क करें।
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यह फोबिया लाखों भारतीयों को प्रभावित करता है। सही समझ से इसे जीता जा सकता है। Image: AI
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 12 September 2025 at 22:46 IST