
अपडेटेड 9 October 2025 at 21:59 IST
प्रेमानंद महाराज ने पहली पर अपनी गद्दी पर किसी संत को बैठाया, साष्टांग प्रणाम कर गले मिले और धोए पांव
प्रेमानंद महाराज के अस्वस्थता की खबरों के बीच रमणरेती महावन के महाराज गुरु शरणानंद उनके केली कुंज आश्रम पहुंचे। गुरु शरणानंद महाराज को देखते ही बाबा प्रेमानंद ने उन्हें साष्टांग दंडवत प्रणाम किया और फिर उन्हें अपनी गद्दी पर भी बैठाया।
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वृंदावन की पवित्र भूमि पर संतों का मिलन हमेशा से भक्तों के लिए प्रेरणा रहा है। हाल ही में, प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए रमणरेती महावन के पूज्य गुरु शरणानंद महाराज उनके केली कुंज आश्रम पहुंचे।
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स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण प्रेमानंद महाराज पिछले 4 दिनों से पदयात्रा पर नहीं निकले। इस बीच यह मिलन न केवल दो संतों के बीच का प्रेम दर्शाता है, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा की गहराई को भी दिखाता है।
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गुरु शरणानंद महाराज को जैसे ही प्रेमानंद महाराज ने देखा, वे भाव-विभोर हो उठे। उन्होंने गुरु शरणानंद को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया।

प्रेमानंद महाराज ने उन्हें अपनी गद्दी पर बैठाया और फिर उनके चरण धोए। ये पहली बार था जब प्रेमानंद महाराज ने किसी संत को अपनी गद्दी पर बैठाया। प्रेमानंद महाराज ने गुरु जी के लिए भजन भी गाया।
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दोनों संतों के बीच का प्रेम और सम्मान देखकर लगा कि मानो सनातन धर्म के दो स्तंभ एक-दूसरे को मजबूती दे रहे हों।
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गुरु शरणानंद महाराज रमणरेती महावन के प्रमुख संत हैं, जो आध्यात्मिक ज्ञान और करुणा के प्रतीक माने जाते हैं। वे प्रेमानंद महाराज के आध्यात्मिक गुरु हैं। Image: Bhajan Marg

सनातन धर्म में गुरु-शिष्य संबंध को सर्वोपरि माना जाता है। दोनों संतों की ये मुलाकात हमें सिखाती है कि कितनी भी ऊंचाई पर पहुंच जाएं, गुरु के प्रति श्रद्धा कभी कम नहीं होनी चाहिए। Image: Bhajan Marg
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 9 October 2025 at 21:11 IST