अपडेटेड 20 June 2025 at 20:46 IST
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सियाचिन ग्लेशियर पर भी भारतीय सेना के जवानों ने कठिन परिस्थिति में योग का अभ्यास किया।
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योग अब सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति का माध्यम बन चुका है।
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पैंगोंग त्सो झील के किनारे योग कर भारतीय सेना ने योग की कालातीत परंपरा को सम्मान दिया।
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शाही कांगड़ी की 20,000 फीट ऊंची बर्फीली जमीन पर जवानों ने अडिग संकल्प से योग किया।
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गलवान घाटी की 15,000 फीट ऊंचाई पर भी सेना के जवानों ने योग के जरिए फिटनेस पर ध्यान देने की अपील की।
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यह दृश्य 21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी का प्रतीक है।
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न्योमा, लद्दाख में कैलाश स्टेडियम में सैकड़ों लोगों ने योग के माध्यम से एकता का प्रदर्शन किया।
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इन तस्वीरों में साफ है कि योग अब सीमाओं, ऊंचाइयों और उम्र से परे एक वैश्विक चेतना बन चुका है।
/ Image: @firefurycorpsपब्लिश्ड 20 June 2025 at 20:45 IST