अपडेटेड 4 June 2025 at 11:24 IST
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अध्यय सुमन को इंडस्ट्री में काम करते हुए कई साल हो गए हैं, लेकिन आज तक उन्हें वो पहचान नहीं मिल पाई है। इस बीच अब अध्ययन ने इंडस्ट्री में अपने स्ट्रगल और नेपोटिज्म को लेकर खुलकर बात की है।
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मशहूर एक्टर शेखर सुमन के बेटे अध्ययन ने खुद को नेपोटिजम का सबसे अच्छा उदाहरण बताया। उन्होंने बताया कि मुझे नेपोटिजम की वजह से काम नहीं मिला है।
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अध्ययन सुमन ने साल 2008 में आई फिल्म 'हाल-ए-दिल' से बॉलीवुड में कदम रखा। उनकी साल 2009 में आई राज हिट फिल्म साबित हुई। वहीं पिछले साल अध्यय 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' वेब सीरीज में नजर आए थे।
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संजय लीला भंसाली की यह सीरीज बड़ी हिट साबित हुई। इसके बाद भी अध्ययन को काम के लिए वैसे ऑफर नहीं मिले, जिनकी उन्हें उम्मीद थी।
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बॉलीवुड बबल से बात करते हुए अध्ययन सुमन ने कहा कि उन्हें लगा कि हीरामंडी के बाद उनकी किस्मत के दरवाजे खुलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इतने बड़े फिल्ममेकर के साथ काम करने के बाद भी कुछ नहीं बदला।
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अध्ययन ने कहा कि मुझे अब भी काम नहीं मिला। इसके लिए मैं किसे दोष दूं? खुद को या इंडस्ट्री के लोगों को?
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एक्टर ने यह भी कहा कि वो भले ही एक आलीशान और लग्जरी जिंदगी जीते हैं, लेकिन मालूम है कि यह उनके पिता की कड़ी मेहनत का नतीजा है। उन्होंने अपनी आलीशान जिंदगी की तुलना जेल से की।
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अध्ययन ने कहा कि लग्जरी एक पॉइंट पर जेल जैसी लगती है। आपके पिता कितनी भी कारें, घर या पेंटहाउस दें, मेरे जैसे लोग जो जीवन में कुछ करना चाहते हैं, वो दुखी हैं।
पब्लिश्ड 4 June 2025 at 11:24 IST