अपडेटेड 28 June 2024 at 18:09 IST

कोटा फैक्ट्री के जीतू भैया कैसे बने सबके चहेते? जितेंद्र कुमार बोले- लोग कैरेक्टर से जुड़े क्योंकि..

Kota Factory Series: जितेंद्र कुमार ने कहा कि शो और इस किरदार को मिले प्यार से मैं बस यही समझ पाया हूं कि हमारे पास मार्गदर्शक की कमी है।

Jitendra Kumar
एक्टर जितेंद्र कुमार | Image: Instagram

Actor Jitendra Kumar: अभिनेता जितेंद्र कुमार ने वेबसीरीज ''कोटा फैक्टरी'' के अपने किरदार जीतू भैया को दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किये जाने को लेकर कहा कि इसकी (जीतू भैया की) लोकप्रियता लोगों के जीवन में मार्गदर्शकों की कमी की ओर इशारा करती है।

राजस्थान के कोटा पर आधारित इस सीरीज में जीतू भैया एक कोचिंग संस्थान में मार्गदर्शक व शिक्षक हैं, जहां छात्र अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। जितेंद्र के अनुसार, यह किरदार चुनौतियों से गुजर रहे छात्रों के लिए एक मददगार के रूप में कार्य करता है।

‘लोग अकेला महसूस करते हैं, क्योंकि…’

उन्होंने कहा, “इस शो और इस किरदार को मिले प्यार से मैं बस यही समझ पाया हूं कि हमारे पास बहुत कम मार्गदर्शक होते हैं। या मार्गदर्शन बिल्कुल नहीं मिल पाता या फिर सही मार्गदर्शन नहीं मिलता, जिसकी वजह से लोग अकेला महसूस करते हैं।”

जितेंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “मनुष्य के तौर पर हम सामाजिक जीवन जीते हैं और हमें अपनी बात कहने तथा समर्थन की बहुत जरूरत होती है। कई बार हम ऐसे दोस्त बनाते हैं, जिनसे हमारी प्रतिस्पर्धा होती है और इसलिए हम उनके साथ कुछ चीजें साझा नहीं कर पाते... यही कारण है कि लोग जीतू भैया के इस काल्पनिक चरित्र से जुड़ाव महसूस करते हैं।”

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जितेंद्र ने भी की है कोटा से पढ़ाई

द वायरल फीवर (टीवीएफ) की इस सीरीज के नए सीजन में छात्रों को अंतिम परीक्षाओं की तैयारी करते हुए तथा अपने जीवन की अन्य चुनौतियों से निपटते हुए दिखाया गया है। "टीवीएफ पिचर्स" और "पंचायत" सीरीज के साथ-साथ फीचर फिल्म "शुभ मंगल ज्यादा सावधान" में अपने अभिनय के लिए सराहना बटोरने वाले जितेंद्र आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने भी कोटा से पढ़ाई की है।

अपने कोचिंग के दिनों को याद करते हुए अभिनेता ने कहा कि बड़े हॉल और ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाया जाता था। उन्होंने कहा, “एक शिक्षक एक बड़े हॉल या ऑडिटोरियम में डेढ़ घंटे तक व्याख्यान देता था और हर सप्ताह कम से कम 20-25 कक्षाएं होती थीं। उनके पास प्रत्येक छात्र की समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से समझने का समय नहीं होता।”

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जितेंद्र ने कहा, “छात्र अपने शिक्षकों से प्रेरित और प्रभावित होते हैं, यह चाहे उनके पढ़ाने का तरीका हो या शैली... मेरे शिक्षक मेरे स्टार थे और जब मैं उनसे मिलता था, तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होती थी। मैं उनसे बहुत प्रभावित था।” अभिनेता ने कहा कि ''कोटा फैक्टरी'' के रिलीज होने के बाद उनके एक पूर्व प्रोफेसर ने उन्हें संदेश भेजा और बधाई दी। उन्होंने कहा, '' मैं वापस कोटा गया तो उनसे मिला। उन्होंने मुझे बताया कि किस तरह से इस सीरीज ने उनका काम के प्रति नजरिया बदल दिया है। उन्हें यह विचार कभी नहीं आया कि वे अपने छात्रों से व्यक्तिगत तौर पर जुड़ सकते हैं।''

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 28 June 2024 at 18:09 IST