अपडेटेड 17 August 2024 at 14:48 IST
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत, कंटेंट के अनधिकृत उपयोग पर लगाई रोक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के नाम, पात्रों और सामग्री के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी है।
- मनोरंजन समाचार
- 2 min read

दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के नाम, पात्रों और सामग्री के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी है।
इस धारावाहिक के निर्माताओं ने आरोप लगाया है कि कई संस्थाएं व्यावसायिक लाभ के लिए वेबसाइट संचालित कर, सामान बेचकर और यहां तक कि यूट्यूब पर ‘‘अश्लील’’ वीडियो प्रसारित कर इसके नाम, पात्रों की तस्वीरें आदि का इस्तेमाल कर रही हैं। सोलह से अधिक वर्ष से प्रसारित हो रहे इस धारावाहिक के लगभग 4,000 एपिसोड आ चुके हैं।
धारावाहिक के प्रोड्यूसर द्वारा दायर मुकदमे पर कई ज्ञात और अज्ञात संस्थाओं के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित कर न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने कहा कि अगर एकतरफा अंतरिम रोक नहीं लगायी गयी तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी।
वादी ‘नीला फिल्म प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड’ ने कहा कि उसके पास अपने धारावाहिक और इसके पात्रों से संबंधित भारत में कई पंजीकृत ट्रेडमार्क पर वैधानिक अधिकार हैं। इसके कुछ ट्रेडमार्क ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’, ‘उल्टा चश्मा’, ‘तारक मेहता’, ‘जेठालाल’, ‘गोकुलधाम’ आदि हैं।
Advertisement
अदालत को सूचित किया गया कि वादी के पास इस धारावाहिक के विभिन्न पात्रों और एनीमेशन का कॉपीराइट है लेकिन इसके बावजूद कुछ संस्थाएं वेबसाइट तथा ई-वाणिज्य मंचों के जरिए अवैध तरीके से सामान बेच रही हैं। वादी ने कहा कि अवैध तरीके से बेचे जा रहे सामान में धारावाहिक के पात्रों की तस्वीरों और संवाद वाली टी-शर्ट, पोस्टर और स्टिकर शामिल हैं।
अदालत ने आदेश दिया कि अश्लील सामग्री समेत धारावाहिक के पात्र या सामग्री वाले यूट्यूब वीडियो को हटाने की आवश्यकता है।
Advertisement
उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर आपत्तिजनक वीडियो 48 घंटे के भीतर नहीं हटाए जाते हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग संबंधित इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को सभी लिंक या वीडियो हटाने के लिए कहेंगे।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 17 August 2024 at 14:48 IST