sb.scorecardresearch

Published 22:03 IST, September 19th 2024

तमिल सिनेमा की 'स्वप्न सुंदरी', जिसकी एक झलक के लिए धड़कता था फैंस का 'दिल'

40 के दशक में तमिल सिनेमा इंडस्ट्री की एक ऐसी एक्ट्रेस थीं, जो टैलेंटेड भी थीं और सुंदरता ऐसी कि जो देखे वो निहाल हो जाए। फिल्मों में क्रेडिट राजकुमारी नाम से गया। इनकी एक फिल्म ने तो उस दौर में तहलका मचा दिया। 'हरिदास' 114 सप्ताह तक मद्रास (चेन्नई) के सिनेमाघर में चली।

Follow: Google News Icon
  • share
T. R. Rajakumari
टीआर राजकुमारी | Image: IANS

एंटरटेंमेंट इंडस्ट्री टैलेंट के साथ एक्टर का अपीयरेंस भी मायने रखता है। स्वप्न सुंदरी ऐसी ही एक अदाकारा का नाम है। जिनके तीखे नैन नक्श के फैंस दीवाने थे।

40 के दशक में तमिल सिनेमा इंडस्ट्री की एक ऐसी एक्ट्रेस थीं, जो टैलेंटेड भी थीं और सुंदरता ऐसी कि जो देखे वो निहाल हो जाए। फिल्मों में क्रेडिट राजकुमारी नाम से गया। इनकी एक फिल्म ने तो उस दौर में तहलका मचा दिया। 'हरिदास' 114 सप्ताह तक मद्रास (चेन्नई) के सिनेमाघर में चली।

एक्ट्रेस का पूरा नाम तंजावुर रंगानायकी राजयी था और उन्हे टीआर राजकुमारी के नाम से भी जाना जाता था। वह एक फिल्म अभिनेत्री होने के साथ बेहतरीन गायिका और डांसर भी थीं। टैलेंट की धनी होने की वजह से उन्हें तमिल सिनेमा की पहली "ड्रीम गर्ल" कहा गया। उन्होंने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में खुद को एक कामयाब अभिनेत्री के तौर पर स्थापित किया।

5 मई 1922 को तमिलनाडु के तंजावुर में पैदा हुईं राजकुमारी संगीतकारों के परिवार से ताल्लुक रखती थीं, उनकी मां और दादी दोनों ही संगीतकार थीं और वह भी गायिका बनना चाहती थी। इसी कारण उन्होंने कर्नाटक संगीत में प्रशिक्षण लिया। यहीं से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में जाने का फैसला किया। उनकी पहली फिल्म थी "कुमाला कुलथुनगान", जो साल 1939 में रिलीज हुई, शुरुआत में फिल्मों में उनका राजयी नाम ही इस्तेमाल किया जाता था। इस फिल्म को सफलता नहीं मिल पाई थी मगर उनकी दूसरी फिल्म कच्छ देवयानी एक हिट साबित हुई। इसी के बाद उन्हें 'टीआर राजकुमारी' नाम से पहचान मिली।

उनकी किस्मत का सितारा चमका साल 1944 में, जब उनकी फिल्म हरिदास ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। इस फिल्म में उनके साथ मुख्य किरदार में थे एमके त्यागराज भगवतार। दोनों की जोड़ी को तो पसंद किया गया, साथ ही राजकुमारी को तमिल सिनेमा की पहली "ड्रीम गर्ल" की उपाधि मिली। इस फिल्म से उनकी गिनती तमिल इंडस्ट्री में एक कामयाब अभिनेत्री के तौर पर की जानी लगी।

उन्होंने अपने फिल्मी करियर में टी आर महलिंगम, के.आर. आर रामस्वामी, पी यू चिन्नाप्पा, एम जी रामचंद्रन और शिवाजी गणेश जैसे मशहूर एक्टरों के साथ काम किया। अपने भाई के साथ एक प्रोडक्शन हाउस भी शुरू किया। इस दौरान उन्होंने वाजापिरंधवन, कोन्डुककिली, गुल-ए-बागावली, पासम, पेरिया इदाथू पेन, पानम पद्दीथवन और परककुम पावाई जैसी फिल्में बनाई।

एक अभिनेत्री के रूप में उनकी आखिरी फिल्म वानमपाडी थी, जो 1963 में आई थी। राजकुमारी का 20 सितंबर 1999 को निधन हो गया।

ये भी पढ़ेंः इससे शादी कौन करेगा…. बोल्ड सीन से नेशनल कृष बनीं तृप्ति का खुलासा, बताया मां-बाप को मिलते थे ताने

Updated 22:03 IST, September 19th 2024