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अपडेटेड 11 June 2024 at 21:50 IST

मिलिए Panchayat के 'प्रधान जी' रघुबीर यादव से, TV से लेकर बड़े पर्दे तक कैसा रहा 4 दशकों का सफर

अभिनेता रघुबीर यादव ने कहा कि मैं प्रधान जी हो गया हूं, जहां भी जाता हूं लोग इसी नाम से पुकारते हैं। जैसे पिछला सब भूल गए हैं।

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'Panchayat' Pradhan ji Raghubir Yadav
मिलिए Panchayat के 'प्रधान जी' रघुबीर यादव से | Image: social media

अभिनेता रघुबीर यादव ने कहा है कि करीब चार दशक तक बड़े पर्दे से लेकर टीवी तक कई भूमिकाएं निभाने के बाद ‘पंचायत’ ने उनकी लोकप्रियता को अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है और अब जहां भी वह जाते हैं तो लोग उन्हें ‘प्रधानजी’ कहकर संबोधित करते हैं।

यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,“ मैं प्रधान जी हो गया हूं, जहां भी जाता हूं लोग इसी नाम से पुकारते हैं। जैसे पिछला सब भूल गए हैं। अभी मैं बनारस में शूट कर रहा हूं, तो लोगों को लगता है कि यह प्रधान जी हमारे बीच में कहां टहल रहे हैं।”

लोगों के रोजमर्रा के संघर्षों की कहानी है पंचायत- रघुबीर यादव

‘पंचायत’ सीरीज उत्तर प्रदेश के एक गांव में लोगों के रोजमर्रा के संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है और हाल में इसकी तीसरा सीजन रिलीज हुआ है। इसमें अदाकारी के जौहर बिखेरने के लिए मिल रही प्रशंसा उन्हें चिंतित भी करती है।

इस धारावाहिक में यादव को दर्शकों के सामने एक बार फिर से एक प्रिय और थोड़े भ्रमित प्रधान जी के रूप में पेश किया गया है, जो हमेशा अपने गांव के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं।

उन्होंने वाराणसी से दिए साक्षात्कार में कहा, “ जब सारे सीजन निकल जाएंगे। जब उसके बाद खुश होने की कोशिश करूंगा, अभी तो मुझे चिंता होती है। लगता है कि जिम्मेदारी है, मैं इसे खराब न कर दूं। मैं बहुत ज्यादा खुश न हो जाऊं।”

सीरीज में गांव की सहजता और सरलता को दिखाया है- रघुबीर यादव

वह मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक ऐसे ही गांव में पले-बढ़े हैं। यादव ने कहा, “ गांव में जो सहजता और सरलता है, वो अभी भी है और हम उसे सीरीज में ला पाएं हैं। ऐसा लगता है कि यह किरदार वास्तविक ज़िदंगी से आते हैं। अलग से गढ़े हुए नहीं लगते हैं।”

उन्होंने कहा,“मेरे पास ऐसे बहुत किरदार थे, मैंने यह सब बचपन में देखा है, थिएटर के जमाने में देखा है, जब मैं पारसी थिएटर करता था तब मैं देखता था।”

तकलीफ नहीं हो तो मजा नहीं आता- रघुबीर यादव

अभिनेता ने रंगमंच के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “ देखिए चाह को राह होती है। मैंने घर छोड़ने के बाद पारसी थिएटर कंपनी जो अनु कपूर के पिता चलाते हैं, उसमें शामिल हो गया। वहां मैंने छह साल तक काम किया था। वहां मुझे ढाई रुपये प्रतिदिन मिलते थे। यह मेरी जिंदगी के सबसे बेहतर दिन थे। हम भूखे जरूर रहते थे पर उस भूख ने सिखाया बहुत और मुझे सीखने में बहुत मजा आता है। अभी भी जबतक थोड़ी तकलीफ नहीं हो तो मज़ा नहीं आता।”

पारसी थिएटर के बाद NSD से की पढ़ाई

मध्य प्रदेश के पारसी थिएटर के बाद यादव ने दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में अध्ययन किया, जहां वह ‘रेपर्टोरी (रंगशाला)’ कंपनी के सदस्य के रूप में 13 वर्षों तक रहे और एक अभिनेता तथा गायक के रूप में अपनी प्रतिभा को निखारा।

उन्होंने कहा, “बचपन से ही मेरी एक आदत है कि मैं चीज़ों को लेकर बहुत खुश या दुखी नहीं होता हूं। लोग इसे कई नाम देते हैं, कुछ लोग इसे संघर्ष बोलते हैं, पर मेरे लिए तो यह मेहनत है। इससे मुझे प्ररेणा मिलती है। यह जिदंगी एक पाठशाला ही है, जहां पर मुझे जो जज्बात चाहिए वो मिलते रहते हैं और तजुर्बे से मिली धन दौलत की कोई कीमत नहीं होती है।”

थिएटर में बहुत सारी चीजें सीखने को मिलती हैं-  रघुबीर यादव

उन्होंने कहा, “ थिएटर में बहुत सारी चीजे आपको सीखने को मिलती हैं। मुझे याद है इब्राहीम अल-काज़ी साहब (एनएसडी के पूर्व निदेशक) ने मुझसे पूछा था कि किस चीज में विशेषज्ञता हासिल करनी है। मैंने बोला मुझे सब सीखना है। तो उन्होंने बोला ठीक है, ‘मंचकला’ में आ जाओ। सबने मुझे मना किया कि इतना काम करना होगा कि गधा बन जाओगे। मैंने बोला कोई बात नहीं। ‘मंचकला’ से मुझे मेरे अभिनय में बहुत मदद मिली।”

नीना गुप्ता एनएसडी में बहुत नाटक किए- रघुवीर यादव

'पंचायत' में उनकी पत्नी मंजू देवी का किरदार निभा रहीं अभिनेत्री नीना गुप्ता ने हाल ही में उन दोनों की युवावस्था की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जो खूब वायरल हुई थी।

इस पर यादव ने कहा, “ एनएसडी के दौरान हमने साथ में बहुत नाटक किए, वो मेरी तीन साल जूनियर थी। शायद यह तस्वीर उसी दौरान की है। ये नीना जी के पास ही थी। इस तस्वीर को देखकर याद आता है कि हमने कितना लंबा समय तय किया है। थिएटर के समय भी हम एक परिवार की तरह रहते थे और आज भी हम वैसे ही हैं। पर अब हमारे चेहरे पर हमारा तजुर्बा (अनुभव) झलकता है।”

मैसी साहिब से की फिल्मी करियर की शुरूआत

यादव ने अपने फिल्म सफर की शुरुआत “ मैसी साहिब’ से की। इसके बाद उन्होंने ‘सलाम बॉम्बे!’, ‘सूरज का सातवां घोड़ा’. ‘धारावी’, ‘माया मेमसाब’, ‘बैंडिट क्वीन’ और ‘साज़’ जैसी कई फिल्मों में काम किया है।

उन्होंने "दिल से..", "लगान", "दिल्ली 6", "पीपली लाइव", "पीकू", "संदीप और पिंकी फरार" सरीखी फिल्मों में अपनी अदाकारी का जौहर बिखेरा है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

पब्लिश्ड 11 June 2024 at 21:18 IST