अपडेटेड 26 February 2024 at 17:09 IST
6 साल की उम्र से गायकी, 2006 में मिला पद्मश्री; ऐसा रहा लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का सफर
गजल की दुनिया में एक अलग चमक बिखेरने वाले लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया।
- मनोरंजन समाचार
- 3 min read

Legendary Singer Pankaj Udhas Singing Journey: गजल गायिकी की दुनिया में सुरीली आवाज से अपनी अलग पहचान बनाने वाले लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। यह दुखद जानकारी उनके परिवार की तरफ से दी गई है। हिंदी सिनेमा में उनकी गजलें किसी जादू से कम नहीं हैं। बेचैनी हो या फिर तनाव हर मूड में पंकज जी के सदाबहार नगमे हमेशा ही दिल को सुकून देते रहे है। संगीत की दुनिया के ऐसे हीरे ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया।
Pankaj Udhas का जन्म 17 मई 1951 में गुजरात में हुआ था। उन्होंने म्यूनिसिपल स्कूल में पढ़ाई की थी। उन्होंने महज 6 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। दरअसल, उनके पिता और बड़े भाई संगीत से जुड़े थे, जिसके कारण उनकी रुचि भी संगीत की तरफ बढ़ चली। उन्होंने अपने गाने की शुरुआत अपने स्कूल से की। जब वहां सामूहिक तौर पर प्रार्थना होती थी और धीरे-धीरे वहां से उनके गाने का दौरा शुरू हुआ था।
पहली बार गाने पर मिला था 51 रुपए का इनाम
पंकज उधास (Pankaj Udhas Death) के बड़े भाई मनहर मशहूर पार्श्व सिंगर बन चुके थे। इन्हीं की वजह से उनकी रुचि संगीत में बढ़ी। भारत-चीन युद्ध के समय पंकज के बड़े भाई का एक स्टेज शो चल रहा था। इस दौरान उन्होंने रंगमंच पर 'ए मेरे वतन के लोगों' गाया। इस गाने पर खुश होकर एक दर्शक ने पंकज को 51 रुपये इनाम दिया।
फिल्म में ऐसे मिला था गाने का पहला मौका
पंकज उधास को पहली बार फिल्म में गाने का मौका 21 साल की उम्र में मिला था, जब वह कॉलेज में पढ़ते थे। इस दौरान सन 1972 में आई फिल्म कामना में पंकज को गाने का पहला मौका मिला था और यह काफी हिट भी हुआ था। इस मूवी में पंकज को गाने का मौके उषा खन्ना ने दिया था और उन्होंने बखूबी 'तुम कभी सामने आ जाओगे तो पूछूं तुमसे' गाया था और यह गाना उस समय लोगों की जुबान पर चढ़ गया था।
Advertisement
गजल के लिए सीखी उर्दू फिर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में की गायकी
पंकज उधास की रुचि गाने के साथ-साथ गजल में भी काफी थी, जिसके लिए उन्होंने उर्दू भाषा सीखी। बाद में वह कनाडा गए जहां उन्होंने छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गजल गायकी की। इसके बाद साल 1980 में इनकी गजल का एक एल्बम 'आहट' रिलीज हुआ, जो काफी सफल रहा। बस फिर क्या था उन्होंने एक के बाद एक कई खूबसूरत गजल गाए और इंडस्ट्री के जाने-माने गजल गायक बन गए। इनके द्वारा गाया हुआ गजल ‘चिट्ठी आई है” काफी पॉपुलर हुआ है।
संगीत की दुनिया में जीते कई अवार्ड
गजल के मशहूर गायक पंजक उधास ने अपने सिंगिंग करियर में कई बड़े अवार्ड (Pankaj Udhas Award) भी अपने नाम किए। साल 2006 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था। इसके अलावा संगीत की दुनिया में गायकी को मिलने वाले अवार्ड के एल सहगल अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साल 1985 से लेकर 2006 तक इन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं।
Advertisement
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 26 February 2024 at 17:03 IST