अपडेटेड 24 July 2023 at 17:31 IST
'ओपेनहाइमर' विवाद को लेकर अनुराग ठाकुर की दो टूक, बोले- 'CBFC जिम्मेदार'
ओपेनहाइमर को लेकर मचे बवाल पर I&B मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने भी रिएक्ट किया है।
- मनोरंजन समाचार
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Oppenheimer Row: ओपेनहाइमर में इंटीमेट सीन और संस्कृत श्लोक को लेकर सोशल प्लेटफॉर्म पर जबरदस्त उबाल है। लोग श्लोक को भगवत गीता से लिया गया बता हॉलीवुड फिल्म के बायकॉट की डिमांड कर रहे हैं।
खबर में आगे पढ़ें-
- भगवद् गीता श्लोक को इंटीमेट सीन में प्रयोग करने को लेकर लोग खफा
- डायरेक्टर नोलन को भारत सरकार के सूचना आयुक्त ने लिखा खुला खत
- मंत्री अनुराग ठाकुर बेहद नाराज, सूत्र
नाराज हैं मंत्री
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूचना एवम् प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उस विवादास्पद सीन पर सख्त ऐतराज जताया है। सूत्रों ने बताया है कि मंत्री ने इसके लिए सीधे तौर पर Central Board of Film Certification (CBFC) यानि सेंसर बोर्ड की जवाबदेही तय करने की मांग की है। मंत्री ने फिल्म मेकर से तुरंत उन दृश्यों को हटाने की मांग की है जो आपत्तिजनक हैं। साथ ही कहा है कि सेंसर सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा जा रहा है कि आम लोगों की भावनाओं को ध्यान में न रखने के लिए सेंसर बोर्ड को बुरा भला कहा है।
जाने क्या है मामला?
फिल्म में वैज्ञानिक ओपेनहाइमर और मनोवैज्ञानिक जीन टैटलर (फ्लोरेंस पुघ) के बीच इंटिमेट सीन दिखाया गया है। दिखाने की कोशिश है कि परमाणु बम के जनक-ओपेनहाइमर विध्ंवस की सोच से सहमे हुए और बेचैन हैं । उन्हें ऐसे में एक संस्कृत श्लोक में सहारा दिखता है। अपनी साथी से फिजिकल रिलेशन बनाते हुए भी संस्कृत श्लोक पढ़ने को कहते हैं। वो ग्रन्थ का वो अंश पढ़ती है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अपना विकराल विष्णु रूप दिखाते हैं।
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आगे वो वही पढ़ती है जो असल जिंदगी में ओपेनहाइमर दोहराया करते थे। काल और विध्वंस को लेकर। सीन में कहीं भी भगवद् गीता या किसी धर्म ग्रंथ का कवर पेज नहीं दिखता है लेकिन जो अर्थ है वो रण में श्रीकृष्ण के अर्जुन को दिए मंत्र की ओर इशारा करता है। नेटिजन्स ने यही बात पकड़ी है और फिल्म को बायकॉट किए जाने की मांग कर रहे हैं।
सेंसर बोर्ड पर सवाल
सोशल प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर सेंसर बोर्ड सवालों के घेरे में है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर भारत में सेंसर बोर्ड ने इस दृश्य को पास क्यों और कैसे कर दिया? लोगों ने सवाल किया है कि क्या जिस तरह से इंटिमेट सीन में गीता को दिखाया गया है, वैसे किसी अन्य मजहब की पुस्तक दिखाई जा सकती है? हालांकि, सीन में गीता का नाम नहीं लिया गया है, सिर्फ इसे संस्कृत किताब कहा गया है। जानकारों का तर्क है कि इतिहास में ऐसा कहीं नहीं देखा सुना गया कि संबंध बनाते हुए गीता को पढ़ा जाए।
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नोलन को एक खुला खत
इस मामले को लेकर भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने डायरेक्टर नोलन को खुला खत लिखा है। लिखा है कि भगवद् गीता हिंदूओं का पवित्र धर्म ग्रंथ हैं। कई संन्यासियों, ब्रह्मचारियों और महापुरुषों के लिए प्रेरणास्रोत रहा है...हमें नहीं समझ में आ रहा कि आखिर आपने बिना किसी मतलब के बेमतलब के सीन में क्यों इसका प्रयोग किया है। ये हमारी आस्थाओं पर सीधा प्रहार है...इससे लगता है कि ये हिंदू विरोधी शक्तियों का बड़ा षड्यंत्र है...यह हिंदू समुदाय पर हमला है।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 24 July 2023 at 17:30 IST