अपडेटेड 14 September 2023 at 22:07 IST
Ponzi Scam: एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले में गोविंदा का नाम, ओडिशा पुलिस जल्द कर सकती है पूछताछ
करीब एक हजार करोड़ रुपए के पोंजी-क्रिप्टो घोटाले में ओडिशा पुलिस जल्द गोविंदा से पूछताछ कर सकती है। बताया जा रहा है कि गोविंदा ने कंपनी का प्रचार किया था।
- मनोरंजन समाचार
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गोविंदा पिछले काफी समय से फिल्मों से दूर चल रहे हैं, लेकिन आज भी उनकी फैन फॉलोइंग ज्यों की त्यों बरकरार है। गोविंदा अपने जमाने के सबसे दिग्गज स्टार्स में से एक रहे हैं। इस बार गोविंदा एक घोटाले के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। करीब 1 हजार करोड़ रुपए के ऑनलाइन पोंजी घोटाले में ओडिशा पुलिस की इकोनॉमिक क्राइम ब्रांच (EOW) जल्द ही गोविंदा से पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। कहा जा रहा है कि गोविंदा ने इस कंपनी का प्रचार किया था और लोगों के निवेश के लिए उकसाया था।
खबर में आगे पढ़ें…
- पोंजी स्कैम में बढ़ सकती है गोविंदा की मुश्किलें
- ओडिशा पुलिस पूछताछ के लिए जारी करेगी समन
- अभिनेता ने एक इवेंट में किया था कंपनी का प्रचार
गोविंदा को जारी किया जा सकता है समन
ओडिशा पुलिस की EOW यूनिट फिलहाल सोलार टेक्नो अलायंस (STA-टोकन) वाले करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही है। इस टीम के पुलिस उपाधीक्षक सस्मिता साहू ने गोविंदा से पूछताछ किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए गोविंदा को समन भेज सकते हैं या इस सिलसिले में मुंबई टीम भेजी जा सकती है।’’
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गोवा में आयोजित इवेंट में गोविंदा ने किया था कंपनी का प्रचार
साहू ने बताया कि गोविंदा ने इस साल जुलाई में गोवा में आयोजित STA के प्रमोशनल इवेंट में हिस्सा लिया था और कुछ वीडियो में कंपनी का प्रचार किया था। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया EOW गोविंदा को संदिग्ध या आरोपी नहीं मान रही है, उन्हें सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कंपनी के प्रचार में गोविंदा की भूमिका वीडियो से साबित हुई है। ओडिशा की जांच एजेंसी ने कहा कि पूछताछ के बाद वो गोविंदा को सरकारी गवाह भी बना सकते हैं।
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क्या है पूरा मामला?
EOW ने जांच में पाया है कि STA-टोकन कंपनी गैर कानूनी तरीके से पिरामिड संरचना आधारित ऑनलाइन पोंजी योजना में शामिल थी, जिसे क्रिप्टो में निवेश के नाम पर चलाया जा रहा था। ओडिशा पुलिस की इकोनॉमिक क्राइम ब्रांच ने पिछले महीने पोंजी कंपनी के प्रमुख गुरतेज सिंह और इसके ओडिशा प्रभारी नारद दास को गिरफ्तार किया था।
EOW ने आधिकारिक बयान में कहा कि कंपनी ने ओडिशा के भद्रक, क्योंझर, बालासोर, मयूरभंज और भुवनेश्वर जिले के करीब 10 हजार लोगों से 30 करोड़ रुपये जमा किए थे। इस कंपनी पर करीब एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है।
इस बीच, इमीग्रेशन ब्यूरो ने हंगरी के नागरिक डेविड गेज के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। आरोप है कि गेज पोंजी कंपनी का नेतृत्व कर रहा था जिसने सोशल मीडिया के माध्यम से क्रिप्टो मुद्रा में निवेश के नाम पर लोगों को प्रलोभन दिया था तथा निवेशकों को और लोगों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
(इनपुट- पीटीआई)
Published By : Mohit Jain
पब्लिश्ड 14 September 2023 at 22:07 IST