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Published 19:38 IST, October 13th 2024

Baba Siddiqui की हत्या का गहराया रहस्य, सुरागों और संदिग्धों का सामने आया एक जटिल जाल

एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। तीन में से दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरा अब भी फरार है। मुंबई पुलिस घटना की जांच कर रही है, लेकिन हत्या का रहस्य लगातार गहराता जा रहा है।

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Baba Siddiqui
Baba Siddiqui | Image: IANS

Baba Siddiqui Murder Mystery: एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। तीन में से दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरा अब भी फरार है। मुंबई पुलिस घटना की जांच कर रही है, लेकिन हत्या का रहस्य लगातार गहराता जा रहा है। रविवार को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली।लॉरेंस बिश्नोई वही गैंगस्टर है, जिसने पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

बाबा सिद्दीकी की हत्या में जितना दिख रहा है उससे कहीं पेंच है। उनके कथित तौर पर वैश्विक आतंकवादी दाऊद इब्राहिम की 'डी कंपनी' से संबंध थे। कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि 1990 के दशक के मध्य के बाद शहर पर 'डी कंपनी' की घटती पकड़ के दौर में एनसीपी राजनेता अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड के बीच की कड़ी बने थे।

पेशेवर रूप से केआरके के नाम से मशहूर फिल्म समीक्षक कमाल आर. खान ने बाबा की हत्या के बाद एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि 'डी कंपनी' ने 2013 में बाबा सिद्दीकी को धमकाया और उनसे एक प्रॉपर्टी छोड़ने को कहा। उन्होंने उस मामले की ओर इशारा किया जब अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के एक कथित सहयोगी और एक व्यवसायी को 2013 में कांग्रेस विधायक बाबा सिद्दीकी को धमकाने के आरोप में मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह वही साल था जब बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान और शाहरुख खान पांच साल के गतिरोध के बाद बाबा सिद्दीकी की आयोजित इफ्तार पार्टी में फिर दोस्त बन गए थे।

उस समय बाबा सिद्दीकी ने आधिकारिक तौर पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और उन्हें पुलिस सुरक्षा भी मिली थी। कथित तौर पर इस मामले के बाद भी राजनेता ने अवैध तरीके से संपत्ति हड़पनी जारी रखी। केआरके ने दावा किया है, “डी कंपनी ने उन्हें दो कारणों से खत्म किया होगा। पहला यह है कि वह कुछ संपत्तियां नहीं छोड़ रहे थे और दूसरा यह साबित करने के लिए कि डी कंपनी अब भी मुंबई में किसी को भी खत्म कर सकती है।"

देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में हुई इस हाई-प्रोफाइल हत्या ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर ऐसे समय में सवाल खड़े कर दिए हैं, जब महाराष्ट्र में एक-दो महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या दो अलग-अलग समूहों डी कंपनी और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बीच बढ़ते सत्ता संघर्ष को भी उजागर करती है, जिनके दोनों प्रमुख मुंबई शहर से बहुत दूर बैठे हैं। 

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Updated 19:38 IST, October 13th 2024