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Published 14:47 IST, September 5th 2024

Irshad Kamil: प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए वरदान हैं उनके लफ्ज, कलम से निकलें हैं कई गीत...

लफ्ज के चेहरे नहीं होते, लफ्ज सिर्फ एहसास होता है, अगर इन एहसासों को शब्दों में पिरो दिया जाए तो बनती है एक रचना, इन्हें जो भी सुने या पढ़े वो इसका कायल हो जाए।

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इरशाद कामिल
इरशाद कामिल | Image: social media
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14:47 IST, September 5th 2024