अपडेटेड 13 January 2025 at 17:05 IST

Chandramouli Biswas: फंदे से लटके पाए गए मशहूर बेसिस्ट, घर से मिला सुसाइड नोट! चल रहा था डिप्रेशन का इलाज

Chandramouli Biswas: बैंड फॉसिल्स के बेसिस्ट रह चुके चंद्रमौली बिस्वास कोलकाता में अपने किराए के घर में मृत पाए गए। उनके घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है।

Follow : Google News Icon  
File photo of Chandramauli Biswas
चंद्रमौली बिस्वास | Image: Instagram

Chandramouli Biswas: बैंड फॉसिल्स के बेसिस्ट रह चुके चंद्रमौली बिस्वास कोलकाता में अपने किराए के घर में मृत पाए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिस्वास को कोलकाता के इंडियन मिरर स्ट्रीट पर एक किराए के घर में लटका हुआ पाया गया था। अब उनके बैंड के एक्स मेंबर्स और फैंस ने सोशल मीडिया के जरिए बेसिस्ट को ट्रिब्यूट दिया है।

खबरों की माने तो, चंद्रमौली बिस्वास अपने घर में अकेले थे जब उन्होंने कथित तौर पर मौत को गले लगा लिया। उनके दोस्त मेहुल चक्रवर्ती ने सबसे पहले उनके शव को देखा। पुलिस अभी भी इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर क्या कारण हो सकता है कि गायक ने यह कदम उठाया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया है कि बिस्वास के घर से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी मौत के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

फॉसिल्स बैंड के बेसिस्ट चंद्रमौली बिस्वास ने किया सुसाइड!

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिस्वास पिछले कुछ साल से कथित तौर पर डिप्रेशन से पीड़ित थे। यहां तक ​​कि उनकी थेरेपी भी चल रही थी। खबरों की माने तो बैंड परफॉर्म करने के लिए कल्याणी जा रहा था जब उन्हें चंद्रमौली बिस्वास की मौत की दुखद खबर मिली। बैंड के लीड सिंगर रूपम इस्लाम ने इसे लेकर ऑडियंस से भी बात की।

जैसे ही चंद्रमौली बिस्वास के निधन की खबर फैली, फैंस ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया है। एक यूजर ने लिखा, “चंद्रमौली बिस्वास 48 साल की उम्र में नहीं रहे। एक शानदार बेसिस्ट और रॉक बैंड फॉसिल्स के पूर्व सदस्य। वह गोल्स और जोंबी केज कंट्रोल से भी जुड़े थे"।

Advertisement

चंद्रमौली बिस्वास कौन थे?

आपको बता दें कि चंद्रमौली बिस्वास फॉसिल्स के मेन मेंबर थे। यह बैंड 1998 में कोलकाता में बनाया गया था, जो ब्लूज, रॉक और पाइस्केडेलिया का मिश्रण है। भले ही बिस्वास गिटारिस्ट के रूप में बैंड में शामिल हुए थे, लेकिन बाद में वह बैंड के बेसिस्ट बन गए। वह 2000 में शामिल हुए थे, लेकिन तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए 2018 में बैंड छोड़ दिया था। बाद में, वह जोंबी केज कंट्रोल और गलोक का भी हिस्सा रहे।

ये भी पढे़ंः तमिल फिल्म ‘माधा गज राजा’ 12 साल बाद रिलीज, विशाल ने भगवान और फैंस का जताया आभार

Advertisement

Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 13 January 2025 at 15:51 IST