अपडेटेड 19 January 2023 at 08:57 IST

Devanshi Sanghvi: करोड़ों की जायदाद ठुकराकर आठ साल की देवांशी बनी साध्वी, दीक्षा मांगकर लिया संन्यास

Devanshi Sanghvi: गुजरात में एक आठ साल की बच्ची देवांशी सांघवी ने सारे ऐशो-आराम छोड़कर संन्यास ग्रहण कर लिया है।

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| Image: self

Devanshi Sanghvi: गुजरात में एक आठ साल की बच्ची देवांशी सांघवी ने सारे ऐशो-आराम छोड़कर संन्यास ग्रहण कर लिया है। आपको बता दें कि देवांशी सूरत के हीरा व्यापारी धनेश सांघवी (Dhanesh Sanghvi) की बड़ी बेटी हैं जो दुनिया की सबसे पुरानी हीरा कंपनियों में से एक सांघवी एंड संस (Sanghvi and Sons) के मालिक हैं। देवांशी ने आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के लिए आलीशान जीवन के सभी सुखों को त्याग दिया और अब वह एक जैन साध्वी के रूप में जिंदगी बिताएंगी।

परिवार ने उनके संन्यास के मौके को मनाने के लिए हाथियों, घोड़ों और ऊंटों के साथ एक भव्य जुलूस का आयोजन किया। देवांशी ने बुधवार को संन्यास ग्रहण किया है। रस्मों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। एक फोटो में देवांशी को पिंक ड्रेस पहने अपने माता-पिता पर चावल के दाने बरसाकर उन्हें ट्रिब्यूट देते देखा जा सकता है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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हीरा कारोबारी की बेटी बनी संन्यासी

धनेश सांघवी की दो बेटियों में देवांशी सांघवी बड़ी हैं। 367 दीक्षा अनुष्ठानों में भाग लेने के बाद देवांशी ने सांसारिक जीवन त्याग दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिवार के एक परिचित ने बताया कि देवांशी ने इससे पहले कभी टेलीविजन या कोई फिल्म नहीं देखी है। साथ ही उन्होंने कभी किसी रेस्टोरेंट में खाना भी नहीं खाया है।

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अभी एक और तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी जिसमें देवांशी को दीक्षा अनुष्ठान पूरा करने के बाद एक सफेद पोशाक में देखा जा सकता है। ये सफेद पोशाक जैन भिक्षुओं की एक आदर्श पोशाक मानी जाती है जिसे पहनकर देवांशी के चेहरे पर काफी बड़ी मुस्कान थी।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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खबरों की माने तो देवांशी ने दीक्षा के लिए चुने जाने से पहले भिक्षुओं के साथ 600 किमी की दूरी तय की और फिर कई कठिन दिनचर्या के बाद, उन्हें अपने गुरु द्वारा संन्यास लेने की अनुमति दी गई। उन्हें जैनाचार्य कीर्तिशसूरीश्वरजी महाराज द्वारा दीक्षा दी गई। परिवार काफी धर्मपरायण है और देवांशी ने हमेशा पारिवारिक परंपरा के अनुसार हर दिन तीन बार प्रार्थना की है। संन्यास ग्रहण करने के बाद देवंशी सांघवी को अब साध्वी दिगंतप्रज्ञाश्रीजी (Sadhvi Diganthpragnashreeji) के नाम से जाना जाता है।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 19 January 2023 at 08:50 IST