Published 19:53 IST, August 31st 2024
कविता, संगीत और फिल्मों के माध्यम से कहता हूं अपनी बात- आयुष्मान खुराना
कविता, संगीत या फिल्मों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करने वाले अभिनेता आयुष्मान का कहना है, एक कलाकार से हमेशा मुद्दों पर बोलने की उम्मीद करना बड़ी नादानी है।
कविता, संगीत या फिल्मों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करने में विश्वास रखने वाले अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि एक कलाकार से हमेशा मुद्दों पर बोलने की उम्मीद करना बड़ी ‘नादानी’ है। ‘विकी डोनर’, ‘अंधाधुन’, ‘आर्टिकल 15’, ‘बरेली की बर्फी’ और ‘दम लगा के हईशा’ जैसी फिल्मों के लिए चर्चित खुराना को हाल ही में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के साथ फिक्की यंग लीडर के ‘यूथ आइकन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि…
खुराना (39) ने कार्यक्रम में, अपनी सक्रियता के बारे में अपना रुख जाहिर किया और समाज में एक कलाकार की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक कार्यकर्ता नहीं हूं, मैं एक अभिनेता और एक कलाकार हूं। मुझे जो भी कहना है, मैं अपनी कविता, संगीत या फिल्मों के माध्यम से कहता हूं। लोगों की अपेक्षा रहती है कि एक अभिनेता या कलाकार को हमेशा आगे बढ़कर अपनी राय रखनी चाहिए, यह बहुत ही बचकाना है क्योंकि हमारे अंदर बुद्धिमत्ता से अधिक भावनात्मकता होती है।”
खुराना ने कहा, ‘‘हम भावनाओं का सामना करते हैं, हम भावनाएं बेचते हैं, हम भावनाएं पैदा करते हैं और यही हमारा मुख्य काम है। लेकिन साथ ही मैं एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करता हूं।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 19:53 IST, August 31st 2024