अपडेटेड 26 May 2025 at 21:13 IST
क्या है 65 करोड़ रुपये का मीठी नदी सफाई घोटाला? जिसमें फंसे एक्टर डिनो मोरिया, मुंबई पुलिस ने घंटों तक की पूछताछ
Dino Morea: एक्टर डिनो मोरिया और उनके भाई सैंटिनो का नाम 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में सामने आया है। इस सिलसिले में उनसे सोमवार को मुंबई पुलिस ने पूछताछ की थी।
- मनोरंजन समाचार
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Dino Morea: मशहूर मॉडल और एक्टर डिनो मोरिया और उनके भाई सैंटिनो का नाम 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी सफाई घोटाला मामले (Mithi River desilting scam) में सामने आया है। इसी सिलसिले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने डिनो से पूछताछ की थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक के साथ डिनो मोरिया का कनेक्शन सामने आया है जिसके बाद वो भी मुंबई पुलिस की रडार पर आ गए हैं। ये घोटाला मीठी नदी से गाद निकालने वाली मशीनों और ड्रेजिंग उपकरणों के किराये में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है।
मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में डिनो मोरिया से पूछताछ
डिनो मोरिया और उनके भाई सैंटिनो आज सुबह 11 बजे जांच अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, डिनो, उनके भाई और घोटाले के मुख्य आरोपी केतन कदम के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई थी जिसके कारण एक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इन कॉल्स को पुलिस ने सबूत के तौर पर पेश किया था जिनकी जांच फिलहाल चल रही है। डिनो का नाम तब सामने आया जब केतन कदम और उसके सह-आरोपी जयेश जोशी के कॉल रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन खंगाले जा रहे थे।
क्या है 65 करोड़ रुपये का मीठी नदी सफाई घोटाला केस?
बता दें कि मुंबई से बहने वाली मीठी नदी की सफाई को लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट हुआ था जिसमें अब 65 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों, केरल की एक कंपनी और केतन कदम-जयेश जोशी के बीच मीठी नदी से गाद निकालने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था। दरअसल, केतन कदम और जयेश जोशी गाद (स्लिट) निकालने वाली मशीनों को किराए पर देते थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, बीएमसी अधिकारियों ने केरल स्थित कंपनी मैटप्रॉप का दौरा किया था जो गाद निकालने और ड्रेजिंग मशीनों में एक्सपर्ट है। फिर बीएमसी ने वैसे ही इंस्ट्रक्शन के साथ टेंडर जारी किए जो मैटप्रॉप मशीनों से मेल खाते। इससे ये हुआ कि जो भी ठेकेदार टेंडर के लिए अप्लाई करेगा, उसे मैटप्रॉप से ही मशीन खरीदनी या किराए पर लेनी होगी।
रिपोर्ट में आगे आरोप लगाया गया है कि बिचौलिये केतन और जयेश ने बीएमसी से मशीनों के लिए बढ़ी हुई राशि ली, जिसमें नगर निकाय के स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज विभाग (SWD) के अधिकारियों और मैटप्रॉप की मिलीभगत थी। बता दें कि केतन मुंबई स्थित डिसिल्टिंग सेवा वोडर इंडिया एलएलपी के डायरेक्टर हैं और जयेश मुंबई स्थित वर्गो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हैं। इन दोनों के अलावा, मामले में 13 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, अभी तक केवल कदम और जयेश को ही गिरफ्तार किया गया है।
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Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 26 May 2025 at 21:13 IST