अपडेटेड 7 December 2024 at 20:10 IST
क्या है एलर्जी और कैसे करें दूर? डायरेक्टर Vivek Ranjan Agnihotri ने बताया
गंभीर मुद्दों पर फिल्म बनाने को मशहूर ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सर्दियों के मौसम के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया कि एलर्जी क्या है? और इसे कैसे दूर कर सकते हैं।
- मनोरंजन समाचार
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Director Vivek Ranjan Agnihotri: गंभीर मुद्दों पर फिल्म बनाने को मशहूर ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सर्दियों के मौसम के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया कि एलर्जी क्या है? और इसे कैसे दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मानव को प्रकृति के करीब रहने की बात कही। ‘द दिल्ली फाइल्स’ की शूटिंग में व्यस्त अग्निहोत्री ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, “दशकों से मैं सुबह होने वाले एलर्जी से परेशान था। इसमें छींक आना, नाक बहना और आंखों में खुजली होना शामिल है। डॉक्टरों ने बताया कि मुंबई में यह आम बात है।“
“फिर, हिमालय में मेरी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई, जिसने मुझे सिर्फ ठंडे पानी से नहाने की सलाह दी। मैंने इसे आजमाया और पिछले तीन सालों से मुझे छींक नहीं आई। मैं इसके पीछे की साइंस को नहीं जानता, लेकिन यह मेरे लिए काम कर गया। इस अनुभव ने मुझे कई विशेषज्ञों के साथ रिसर्च और बातचीत करने के लिए प्रेरित किया। मैंने पाया कि कई एलर्जी इसलिए होती हैं, क्योंकि हमने खुद को प्रकृति से अलग कर लिया है। हम जो खाते हैं, उससे जुड़ते नहीं। हम अपना खाना नहीं पकाते, धोते या काटते नहीं हैं और हम शायद ही कभी उसे ठीक से सूंघते या चबाते हैं। हमने भोजन को सही से खाना छोड़ दिया है। हम बेमौसम कोई भी सब्जी खाते हैं, यह भूल जाते हैं कि सब्जियां मौसमी होती हैं।"
'द वैक्सीन वॉर' निर्देशक ने कहा, “जिस तरह संतरे के जूस को सिंगल माल्ट के साथ मिलाना सही नहीं है, उसी तरह किसी भी चीज को किसी भी चीज के साथ खाना सही नहीं है। एलर्जी अक्सर हमारे पर्यावरण के साथ टूटे हुए रिश्ते का परिणाम होती है। इसी तरह, हम अपने बच्चे को जन्म से ही गर्म पानी से नहलाना सिखाते हैं। अगर प्रकृति चाहती कि हम गर्म पानी से नहाएं, तो वह गर्म पानी वाली नदियां मुहैया कराती? हम धूल में नहीं खेलते, पसीना नहीं बहाते, जानवरों से नहीं मिलते या जंगल नहीं जाते।"
"हम पर्यावरण से जुड़ने के लिए कुछ नहीं करते। प्रकृति से हमारा अलगाव प्राकृतिक आपदा को आमंत्रित करता है। जब हम दुनिया के साथ अपना रिश्ता बदलते हैं, तो दुनिया भी हमारे साथ अपना रिश्ता बदल देती है।"
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Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 7 December 2024 at 20:10 IST