अपडेटेड 4 April 2025 at 08:12 IST

BREAKING: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर मनोज कुमार का निधन, 87 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और फिल्म डायरेक्टर मनोज कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। कोकिलाबेन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इस दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

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Manoj Kumar passes away
Manoj Kumar passes away | Image: Republic

Manoj Kumar Dies: बॉलीवुड से जुड़ी एक दुखद खबर सामने आ रही है। बॉलीवुड एक्टर और फिल्म डायरेक्टर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। 87 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है। मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इसी दौरान मनोज कुमार ने अंतिम सांस ली।  देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों के लिए उन्हें 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता था। कई दशकों तक भारतीय सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान के लिए मनोज कुमार को प्रतिष्ठित पद्म श्री और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

मनोज कुमार ने ‘क्रांति’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी कई फिल्में बनाई। 'मेरे देश की धरती सोने उगेल' और 'भारत की बात सुनाता हूं' जैसे उनके गाने आज भी हर किसी के जुबां पर रहते हैं।  

बॉलीवुड में छाई शोक की लहर

दिग्गज एक्टर के निधन से इंडस्ट्री में शोक के लहर छा गई है। तमाम एक्टर और सिनेमा जगत से जुड़ी हस्तियों ने शोक जताया है। फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, "प्रसिद्ध दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता, हमारी प्रेरणा और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के 'शेर' मनोज कुमार जी नहीं रहे। यह इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी।"

विभाजन के समय दिल्ली आकर बसा था परिवार

मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद, ब्रिटिश इंडिया (अब खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान) में हुआ था। जब वह केवल 10 साल के थे, तब विभाजन के चलते उनका परिवार दिल्ली आ गया। इस दौरान उन्हें शरणार्थी शिविर में भी रहना पड़ा था। उन्होंने स्कूल के बाद हिंदू कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की।

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मनोज कुमार ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1957 में आई फिल्म फैशन से की थी। वहीं, साल 1965 में आई शहीद ने उन्हें पहचान दिलाई। यहीं से उनका बुलंदियों पर पहुंचने का सफर शुरू हुआ, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मनोज कुमार ने अपना नाम साल 1949 में बदला था। उन्होंने अपने पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार के फिल्म शबनम में किरदार से प्रेरित होकर यह नाम रखा था। 

मनोज कुमार ने 7 फिल्म फेयर पुरस्कार जीते है। पहला फिल्म फेयर उन्हें साल 1968 में फिल्म उपकार के लिए मिला था। इसके अलावा साल 1992 में उन्हें पद्मश्री से और साल 2015 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।

 

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 4 April 2025 at 07:39 IST