अपडेटेड 12 December 2024 at 17:43 IST

हिंदी सिनेमा में जारी मंथन फिल्म निर्माताओं को अलग तरह से सोचने पर मजबूर कर रहा : मनोज बाजपेयी

अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा है कि हिंदी सिनेमा ठहराव के दौर से गुजर रहा है लेकिन उम्मीद है कि इस दौरान जारी मंथन से कुछ बेहतर निकलेगा, क्योंकि रचनात्मक लोग हमेशा कोई न कोई रास्ता खोज लेते हैं।

Manoj Bajpayee
Manoj Bajpayee | Image: Varinder Chawla

अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा है कि हिंदी सिनेमा ठहराव के दौर से गुजर रहा है लेकिन उम्मीद है कि इस दौरान जारी मंथन से कुछ बेहतर निकलेगा, क्योंकि रचनात्मक लोग हमेशा कोई न कोई रास्ता खोज लेते हैं।

ऐसे वर्ष में जब बॉक्स ऑफिस पर एक बार फिर ‘कल्कि 2898 एडी’ और ‘पुष्पा 2: द रूल’ जैसी दक्षिण भारतीय ब्लॉकबस्टर फिल्मों का दबदबा दिखाई दे रहा है, तब ‘स्त्री 2’, ‘भूल भुलैया 3’ और ‘सिंघम अगेन’ ने बॉलीवुड को कुछ उम्मीद दी है।

यह पूछे जाने पर कि क्या हिंदी सिनेमा ‘‘संकट’’ में है, बाजपेयी ने कहा कि ऐसा नहीं है। बाजपेयी ने ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) के मुख्यालय के दौरे के दौरान समाचार एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘‘लेकिन यह निश्चित रूप से फिल्म निर्माताओं को अलग तरह से सोचने पर मजबूर कर रहा है। और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मुझे लगता है कि यह एक मंथन का, यह एक ठहराव का दौर है। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही अपने स्वाभाविक स्वरूप में वापस आ जाएगा।’’

बाजपेयी ने कहा कि बॉक्स ऑफिस पर 800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाली हॉरर कॉमेडी ‘स्त्री 2’ ने ‘‘उल्लेखनीय’’ कारोबार किया। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि लोग सिनेमाघरों में जाने के लिए इच्छुक हैं, लेकिन वे कुछ और चाहते हैं। इस ‘कुछ और’ के मद्देनजर फिल्म निर्माता को वास्तव में कुछ नया करना होगा और इसके बारे में गंभीरता से सोचना होगा... मेरी फिल्म इन दिनों ओटीटी पर आती हैं तथा उन्हें बड़ी संख्या में दर्शक भी मिलते हैं।’’

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बाजपेयी ने कहा, ‘‘पिछले साल, मेरी फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ ने ओटीटी पर ऐतिहासिक ‘व्यूज’ बटोरे थे। अगर हम इसे रुपये (बॉक्स ऑफिस कलेक्शन) में बदलें, तो इसे ‘ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर’ कहा जाएगा। यही बात ‘गुलमोहर’ के लिए भी लागू होती है।’’ राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ने कहा कि बड़े पैमाने पर दर्शक हमेशा एक नायक चाहते हैं और जब महामारी के दौरान सिनेमाघर बंद हो गए तो लोगों को हिंदी सिनेमा से वह मिलना बंद हो गया, लेकिन दक्षिण में ‘सिंगल स्क्रीन’ फल-फूल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा अपनी फिल्मों के लिए नायक की तलाश करते हैं। बदलते समय में लोगों को नायक मिलना बंद हो गया, क्योंकि वहां बहुत सारे ‘मल्टीप्लेक्स’ हैं। दक्षिण ने ‘मल्टीप्लेक्स’ को कभी पनपने नहीं दिया और एकता बनाए रखी। वे जानते थे कि उनका सिनेमा बड़े पैमाने पर दर्शकों के जरिए ही टिकेगा।’’ अभिनेता की आगामी फिल्म ‘डिस्पैच’ का प्रीमियर शुक्रवार को जी5 पर होने वाला है।

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 12 December 2024 at 17:43 IST