अपडेटेड 16 July 2023 at 08:58 IST
The battle story of somnath :और जब सोमनाथ में डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था- विध्वंस से बड़ा निर्माण होता है
भारत के इतिहास को कुरेदती फिल्म 'द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ' बनाने का ऐलान किया है। इस मंदिर के बार-बार बनने और इसे मिटाने की कोशिश पर फोक्स्ड है फिल्म।
- मनोरंजन समाचार
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The Battle Story Of Somnath: एनिमेटेड टीजर में 1 मिनट 23 सेकंड पर लिखा आता है- 'Somnath is a symbol of victory over construction on destruction'- Dr. Rajendra Prasad. 11 मई 1950 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने ये कहा था उस सोमनाथ में पहुंच जिसका पुनर्निमाण किया गया था। आखिर क्या थी तत्कालीन राष्ट्रपति की सोमनाथ को लेकर आसक्ति की कहानी? क्यों नेहरू सरकार में मंत्री कन्हैयालाल मुंशी ने कहा कि सोमनाथ को लेकर पंडित जी और डॉ साहब के विचारों में मतभेद था? क्या है पूरी कहानी जिसे द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ ने फिर जिंदा कर दिया है।
खबर में पढ़ें आगे
- कन्हैयालाल मुंशी की किताब 'पिलग्रिमेज टू फ्रीडम' में जिक्र
- मनाही के बाद राजेन्द्र प्रसाद ने मंदिर में शिवलिंग को किया स्थापित
फिल्म के बारे में-
- पैन-इंडिया फिल्म ‘द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ’ का टीजर आउट
- 1025 ईस्वी के इतिहास को दिखाएंगे मेकर्स
कन्हैयालाल मुंशी की किताब 'पिलग्रिमेज टू फ्रीडम' में तत्कालीन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच हुए संवाद का जिक्र है। भाजपा के लौह पुरुष लाल कृष्ण आडवाणी ने ब्लॉग में भी सोमनाथ के लिए संघर्ष की कहानी बयां की थी।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स और इतिहासकार बताते हैं कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मनाही के बावजूद भी राजेन्द्र बाबू सोमनाथ पहुंचे और शिवलिंग को स्थापित किया।
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क्यों किया था नेहरू ने मना?
नेहरू सेकुलर देश के प्रधानमंत्री थे। वो नहीं चाहते थे कि आजादी के तुरंत बाद ऐसा कुछ हो कि देश और उनकी छवि को नुकसान पहुंचे। कन्हैयालाल मुंशी की किताब 'पिलग्रिमेज टू फ्रीडम' में लिखे तर्कों को आधार मानें तो राजेंद्र प्रसाद जब मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में जा रहे थे तो उन्हें नेहरू जी ने रोकने का प्रयास किया। तर्क दिया - जनसेवक होने के नाते उन्हें अपने आप को पूजा स्थल से जोड़ने से रोकना चाहिए।
नेहरू की ये बात डॉ प्रसाद को ठीक नहीं लगी। राजेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया- मुझे अपने धर्म पर पूरा भरोसा है और मैं खुद को इससे अलग नहीं कर सकता। इसके बाद वो सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल भी हुए और उन्होंने वर्तमान शिवलिंग को स्थापित भी किया।
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आडवाणी ने ब्लॉग में लिखी थी पटेल, नेहरू और गांधी जी वाली बात
दरअसल आजादी के बाद सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर को दोबारा स्थापित कराने का संकल्प लिया था। पटेल मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर गांधी जी के साथ ही जवाहर लाल नेहरू का समर्थन हासिल कर चुके थे। गांधी जी चाहते थे कि मंदिर के लिए जो पैसे एकत्रित किए जाएं उसके लिए बकायदा एक ट्रस्ट बनाया जाए और उसमें सरकार की किसी भी तरह से कोई भूमिका न हो।
जिसके मद्देनजर बकायदा एक जनधन ट्रस्ट बनाया गया और उसे पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई। कन्हैयालाल मुंशी की ही किताब 'पिलग्रिमेज टू फ्रीडम' में इस मंदिर के पुनर्निर्माण के बारे में विस्तार से लिखा गया है। मुंशी ने अपनी किताब में लिखा है कि सोमनाथ पुनरुद्धार की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने दान किया था। लेकिन गांधी जी के जन धन जुटाने के सुझाव के बाद 'पटेल ने नवागनर के जाम साहब का दान किया एक लाख रुपए का चेक और जूनागढ़ प्रशासन प्रतिनिधि सामलदास गांधी के 50 हज़ार रुपए लौटाए और उन्हें सोमनाथ फंड में दान करने के लिए कहा।
द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ
निरंकुश शासक महमूद गजनवी की ज्यादतियों पर फोकस होगी फिल्म द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ। इतिहास से सब वाकिफ हैं। कैसे एक सिरफिरा आया और अपनी लालच में हजारों को महज तीन दिन के भीतर मौत की नींद सुला गया, कैसे उसने सोमनाथ में मंदिरों को तहस नहस कर दिया। इस अहम मुद्दे पर ही फिल्म बनेगी जिसकी घोषणा शनिवार 15 जुलाई को कर दी गई।
टीजर में हर युग की कहानी
1 मिनट 42 सेकंड के टीजर में इतिहास के काले अध्याय को दिखाया गया है। 1025 ईस्वी से शुरू हुई कथा में त्रेता, द्वापर, आधुनिक भारत के महान शिल्पियों सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जिक्र है।
सौराष्ट्र स्थित सोमनाथ को कई बार लूटा और तोड़ा गया लेकिन इस स्थान को लेकर हिंदू आस्था इतनी जबरदस्त थी कि हर युग में इस मंदिर का जिर्णोद्धार उसी गति से किया गया। सबसे पहले बात सतयुग से शुरू हुई। सनातन मान्यताओं के अनुसार देश में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम स्थान प्राप्त इस शिवलिंग सोमनाथ के मंदिर का निर्माण राजा चंद्रदेव सोमराज ने करवाया था।
जब देश आजाद हुआ तो एक बार फिर से सोमनाथ मंदिर के जिर्णोद्धार की सोच के साथ इस पर बात शुरू हुई और बीड़ा उठाया था वल्लभ भाई पटेल ने। उसका जिक्र ऊी टीजर में है। जिसमें दिखता है कि कैसे भारत की आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने समुद्र का जल लेकर नए मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया। उनके संकल्प के बाद 1950 में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ। शिवलिंग स्थापना के साथ डॉ. प्रसाद ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पुनर्निर्माण की ताकत हमेशा तबाही की ताकत से बहुत बड़ी होती है।
पैन इंडिया होगी रिलीज
पैन इंडिया फिल्म 'द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ'हिंदी और तेलुगू में शूट होगी और 12 भाषाओं में रिलीज होगी। इस फिल्म का निर्देशन अनुप थापा कर रहे हैं। इस फिल्म को अनुप थापा ने ही लिखा है। निर्माण मनीष शर्मा और रंजीत शर्मा ने किया है। फिल्म 'द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ' 2 इडियट्स बैनर तले बन रही है।
1025 ईस्वी का वो दर्द
निरंकुश गजनवी ने 1025 ईस्वी में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। रिकॉर्ड्स में लिखा है कि गजनवी ने सोमनाथ मंदिर से 20 लाख दीनार की संपत्ति लूटी थी। लिखा गया है कि उसने मंदिर की मूर्तियों और ज्योर्तिलिंग को टुकड़ों में तोड़ दिया था। फिल्म के टीजर में सोमनाथ मंदिर पर हुए आक्रमण के बाद हुए पुननिर्माण का भी जिक्र है।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 16 July 2023 at 08:45 IST




