अपडेटेड 22 December 2024 at 13:10 IST

'मेरी मां' और 'लुका-छुपी' गाने ने किया इमोशनल? इनके पीछे की कहानी और रुलाएगी, Prasoon Joshi की जुबानी

Prasoon Joshi: गीतकार और CBFC के चेयरपर्सन प्रसून जोशी ने खुलासा किया कि उन्होंने 'मां' और 'लुका छुपी' जैसे गानों के बोल कैसे लिखे और उनकी क्या प्रेरणा थी।

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Prasoon Joshi
प्रसून जोशी | Image: X, Republic Bharat

Prasoon Joshi: महान गीतकार और CBFC के चेयरपर्सन प्रसून जोशी ने रिपब्लिक भारत के संगम इवेंट में फिल्मों से जुड़े किस्से सुनाकर महफिल जमा दी। उन्होंने अपने करियर में कई आइकॉनिक गानों के बोल लिखे हैं। उनमें से हैं सॉन्ग ‘मां’ और ‘लुका छुपी’ जिन्हें सुनते ही पत्थर से भी पत्थर दिल पिघल जाए।

प्रसून जोशी ने संगम इवेंट में खुलासा किया कि उन्होंने ‘मां’ और ‘लुका छुपी’ जैसे भावुक गानों के बोल कैसे लिखे और उनकी क्या प्रेरणा थी। बता दें कि ‘मां’ फिल्म ‘तारे जमीन पर’ और ‘लुका छुपी’ फिल्म ‘रंग दे बसंती’ का गाना है। 

प्रसून जोशी ने निजी अनुभव से लिखे ‘मां’ गाने के बोल

गीतकार ने खुलासा किया कि ‘हर इंसान के अंदर कई रूप होते हैं। एक ही इंसान के अंदर बेटा, भाई, पति, दोस्त सब होता है। कोई भी इंसान दुनिया के सामने कितना भी जुझारू पक्ष रख ले लेकिन मां के सामने एक बच्चा ही होता है’।

उन्होंने आगे बताया कि जब स्क्रीनप्ले में ‘मां’ गाने का डिस्क्रिप्शन आया था तो उसमें लिखा था कि यहां एक सेपरेशन सॉन्ग होगा जैसे बिछड़कर कहां जाऊंगा या बिखर जाऊंगा। तब जोशी को लगा कि उन्हें अपने निजी अनुभव से लिखना चाहिए क्योंकि पूरी फिल्म ही उनके लिए एक पर्सनल एक्सपीरियंस थी। 

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उन्होंने याद किया कि कैसे उनकी मां एक टीचर थी और जब वो छोटे थे तो उनकी मां उन्हें छोड़कर एक ट्रेनिंग प्रोग्राम अटेंड करने के लिए चली गई थीं। जब जोशी अपने बचपन में चले गए तो उन्हें याद आया कि वो अपनी मां को कितना मिस कर रहे थे। यही सोचकर उन्होंने ‘मां’ गाना लिखा। प्रसून इवेंट में इस गाने को गुनगुनाते भी हैं। 

“बेटा ऐसी जगह गया जहां से लौट नहीं सकता…”

प्रसून जोशी ने आगे कहा कि ‘दुनिया में मातृत्व से बड़ा कोई अहसास नहीं है और ये अहसास पुरुषों में भी हो सकता है। अगर आपके अंदर आ गया तो कल्याण हो जाएगा’। 

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उन्होंने ‘लुका छुपी’ गाने लिखने के पीछे की कहानी का भी खुलासा किया है जिसे सुन सबकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा- “मेरे सामने एक सीन था कि मां ने अपने बेटे को खो दिया है। वो बेटे की जलती हुई चिता देख रही है। इस सीन में गाना नहीं था, केवल बैकग्राउंड स्कोर था। एआर रहमान इसे बना रहे थे। मैंने सोचा कि क्या करना चाहिए इसमें”।

गीतकार ने आगे बताया- 'मैंने ऐसे सोचा कि मां बेटा हाइड एंड सीक खेल रहे हैं और बच्चा मिल नहीं रहा है। बेटा एक ऐसी जगह छिप गया है जहां से वापस नहीं आ सकता। ये मां-बच्चे का प्रेम था। मां कहती है कि लुका छुपी बहुत हुई, सामने आ जा ना। तब बेटा कहता है- क्या बताऊं मां कहां हूं मैं, यहां उड़ने को मेरे खुला आसमान है"।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 22 December 2024 at 13:10 IST