अपडेटेड September 30th 2024, 12:36 IST
Mithun Chakraborty: 70-80 के दशक में हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले दिग्गज कलाकार मिथुन चक्रवर्ती को इस साल के दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award) से नवाजा जाएगा। जैसे ही ये ऐलान हुआ, मिथुन दा भावुक हो गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पास कहने को शब्द ही नहीं बचे।
मिथुन चक्रवर्ती ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मृणाल सेन की आर्ट हाउस ड्रामा ‘मृगया’ (1976) से की थी जिसके लिए उन्होंने बेस्ट एक्टर का पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया था। उसके बाद वो ‘डिस्को डांसर’, ‘अग्निपथ’, ‘मुझे इंसाफ चाहिए’, ‘हम से है जमाना’, ‘पसंद अपनी अपनी’, ‘घर एक मंदिर’ और ‘कसम पैदा करने वाले की’ जैसी हिट फिल्मों में नजर आए।
मिथुन चक्रवर्ती ने अब ANI से बातचीत में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पर खुशी जताई है। इस दौरान, एक्टर थोड़ा इमोशनल हो जाते हैं और कहते हैं कि कैसे कोलकाता की सड़कों से निकला एक लड़का इतना बड़ा सम्मान पा रहा है।
उन्होंने कहा- “सच बोलूं तो मेरे पास शब्द ही नहीं है। ना मैं हंस सकता हूं, ना खुशी से रो सकता हूं। इतनी बड़ी चीज कैसे हो गई, जहां से मैं आ रहा हूं, कोलकाता के बाईलेन से, फुटपाथ से लड़के इधर आया हूं। उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान। सोच भी नहीं सकता। मैं वाकई स्पीचलेस हो गया हूं”।
द कश्मीर फाइल्स फेम एक्टर ने आगे कहा कि वो इस दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड को अपने परिवार और दुनियाभर में फैले उनके फैंस को समर्पित करते हैं।
पीएम मोदी ने भी एक्टर को बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि “मिथुन को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। वह एक कल्चरल आइकन हैं, जिनकी उनके बहुमुखी प्रदर्शन के लिए पीढ़ियों से तारीफ होती रही है। उन्हें बधाई”।
पब्लिश्ड September 30th 2024, 12:35 IST