अपडेटेड 4 April 2025 at 12:08 IST

Manoj Kumar Death: 'भारत कुमार' के निधन पर शोक में बॉलीवुड, कंगना रनौत बोलीं- 'हर भारतीय में देशभक्ति जगाई'

मनोज कुमार के निधन पर कंगना रनौत ने कहा- 'वे ऐसे कलाकार थे जिन्होंने हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की लौ जलाई।

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कंगना रनौत
कंगना रनौत | Image: ANI

Manoj Kumar Death: भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार के निधन की खबर से फिल्म जगत शोक में डूब गया है। 'भारत कुमार' के नाम से मशहूर मनोज कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए BJP सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा-  'वे ऐसे कलाकार थे जिन्होंने हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की लौ जलाई। उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अपूरणीय क्षति है।'

कंगना ने कहा कि मनोज कुमार न सिर्फ एक उत्कृष्ट अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने अपनी फिल्मों से देश को जोड़ने वाला भावनात्मक पुल भी रचा। उनका योगदान भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग का प्रतीक है।

दिग्गज एक्टर मनोज कुमार का निधन

बॉलीवुड में कई एक्टर आए और गायब हो गए। कम ही अभिनेता ऐसे होते हैं जो अपनी एक अमिट छाप छोड़कर जाते हैं। इनमें से एक थे 'भारत कुमार' मनोज कुमार। जो एक्टर, फिल्म निर्देशक, गीतकार तो थे ही, लेकिन इन सबसे बढ़कर एक सच्चे देशभक्त थे। वहीं मनोज कुमार इस दुनिया को छोड़कर चले गए। आज (4 अप्रैल) को 87 साल की उम्र में कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस लीं। मनोज कुमार ने दशकों पर सिनेमा पर राज किया। वो खासतौर पर देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों के लिए जाने जाते थे।

इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी क्षति- अशोक पंडित

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, "प्रसिद्ध दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता, हमारी प्रेरणा और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के 'शेर' मनोज कुमार जी नहीं रहे। यह इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी।"

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विभाजन के समय दिल्ली आकर बसा था परिवार

मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद, ब्रिटिश इंडिया (अब खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान) में हुआ था। जब वह केवल 10 साल के थे, तब विभाजन के चलते उनका परिवार दिल्ली आ गया। इस दौरान उन्हें शरणार्थी शिविर में भी रहना पड़ा था। उन्होंने स्कूल के बाद हिंदू कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की।

मनोज कुमार ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1957 में आई फिल्म फैशन से की थी। वहीं, साल 1965 में आई शहीद ने उन्हें पहचान दिलाई। यहीं से उनका बुलंदियों पर पहुंचने का सफर शुरू हुआ, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मनोज कुमार ने अपना नाम साल 1949 में बदला था। उन्होंने अपने पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार के फिल्म शबनम में किरदार से प्रेरित होकर यह नाम रखा था। मनोज कुमार ने 7 फिल्म फेयर पुरस्कार जीते है। पहला फिल्म फेयर उन्हें साल 1968 में फिल्म उपकार के लिए मिला था। इसके अलावा साल 1992 में उन्हें पद्मश्री से और साल 2015 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 4 April 2025 at 12:08 IST