अपडेटेड 4 August 2024 at 12:19 IST

Birthday Special: खुशमिजाज किशोर कुमार थे उसूल पाबंद भी, देश की पीएम तक को किया नाराज

Kishore Kumar Birthday Special: हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार खुशमिजाज होने के साथ-साथ उसूल पाबंद इंसान भी थे। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक बातें।

Kishore Kumar
किशोर कुमार | Image: IANS

Kishore Kumar: किशोर कुमार हरफनमौला कलाकार का नाम था। एक ऐसे शख्स जो अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते थे। अपने पीछे गायकी की समृद्ध विरासत छोड़ गए। उनकी गायकी कमाल थी तो योडलिंग कमाल। इस कलाकार को ताउम्र किसी से डर नहीं लगा। देश की पीएम इंदिरा गांधी तक को न कहने की हिम्मत दिखाई लेकिन इसी कलाकार को लता दीदी की एक बात डराती थी!

किशोर कुमार ने खुद कहा था कि वो लता मंगेशकर की एक आदत से असहज महसूस करते हैं और ये आदत थी स्वर कोकिला का अनुशासन। एक किस्सा खुद किशोर कुमार ने साझा किया था। उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य हुआ जब लता ने लंदन में मेरे साथ स्टेज शो करने के लिए हामी भरी।मैं रोमांचित था, लेकिन मुझे एक बात की चिंता थी - उनका अनुशासन।

वह बिना रिहर्सल के कभी स्टेज पर नहीं जाती थी और मैं चीजों को बेहद सामान्य तरीके से लेता हूं। मंच पर हमें पांच डुएट गीत गाने थे। समस्या तब खड़ी हुई जब स्टेज पर जाने का समय आया। हम तय नहीं कर पा रहे थे कि पहले कौन जाएगा? मैंने सुझाव दिया कि लता पहले गाएं क्योंकि वह मेरी सीनियर हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बजाय वह मेरा परिचय कराने के लिए स्टेज पर चली गईं। उसने मेरी बहुत प्रशंसा की, लेकिन यह भी कहा, "मैं उन्हें दा कहती हूँ क्योंकि वो मुझसे उम्र में बड़े हैं"। मैं उनसे एक महीने और 24 दिन बड़ी हूं! इसके बाद हमने तीन शो किए।

लता और किशोर ने कई बेजोड़ गीत गाए। दोनों की आवाज में अलग सी रवानगी थी। बॉन्डिंग अच्छी थी शायद यही एक वजह रही कि किशोर दा ने आखिरी इंटरव्यू भी लता दीदी को दिया। लता ने एक रिपोर्टर बनकर उनसे बात की। इसमें उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। जिसमें से एक मजेदार किस्सा दोनों की पहली मुलाकात से जुड़ा था। किशोर दा ने बताया था कि कैसे दोनों ने ट्रेन और टांगे में एक साथ सफर किया। फिर दोनों एक ही जगह पहुंचे और वो था बॉम्बे टॉकीज। लता सोचती रहीं कि किशोर कुमार उन्हें फॉलो कर रहे हैं लेकिन कुछ देर बाद ही पर्दा उठाया खेमचंद प्रकाश ने। उन्होंने फॉर्मल इंट्रोडक्शन कराया और इसके बाद दोनों खूब हंसे।

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किशोर दा जितने हंसमुख और मजाकिया थे उतने ही आदर्शों को लेकर अटल रहने वाले भी। एक दौर (1982-87) था जब सब अमिताभ बच्चन के पीछे कतारबद्ध थे लेकिन इस महान गायक ने राजेश खन्ना का साथ नहीं छोड़ा। काका जी की 91 फिल्मों में अपनी आवाज दी। भारत में जब आपातकाल लगा था तब भी किशोर कुमार ने सत्ता के आगे झुकने से इनकार कर दिया। सीधा पंगा केंद्र से लिया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 20 सूत्रीय कार्यक्रमों का प्रचार करने से मना कर दिया। नतीजतन इस हरदिल अजीज गायक के गानों को ऑल इंडिया रेडियो पर बैन कर दिया गया। इनके युगल गाने बजाए भी गए तो एडिट करके।

जब उन्होंने 1975-1977 के आपातकाल के दौरान पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के 20 सूत्री कार्यक्रम का समर्थन करने से इनकार कर दिया, तो उन्हें सरकार द्वारा नियंत्रित मीडिया अर्थात् ऑल इंडिया रेडियो और विविध भारती से प्रतिबंधित कर दिया गया। यहां तक ​​कि उनकी आवाज़ वाले युगल गीतों को भी सेंसर कर दिया गया।

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Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 4 August 2024 at 12:19 IST