अपडेटेड 26 February 2024 at 17:32 IST

'चिट्ठी आई है...',जब पंकज उधास के गाने सुनने के लिए सिनेमा घरों में उमड़ा जनसैलाब,आंखें हो गई थीं नम

संगीत जगत के लिए पंकज उधास का जाना एक बड़ी क्षति है। उनकी गीत और गजलें हमेशा लोगों को जहन में जिंदा रहेंगीं।

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Pankaj Udhas
PaPankaj Udhas nkaj Udhas | Image: Pankaj Udhas/Instagram

Pankaj Udhas :  मशहूर गजल गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है। अपनी सुरीली आवाज से लोगों के दिलों में बसने वाले पंकज लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जिसके कारण सोमवार को उनका निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी।

संगीत जगत के लिए पंकज उधास का जाना एक बड़ी क्षति है। उनकी गीत और गजलें हमेशा लोगों को जहन में जिंदा रहेंगीं। 

(A screengrab from the post | Image: Instagram)

पंकज उधास को फैंस ने दी श्रद्धांजलि

पंकज उधास के निधन की खबर उनकी बेटी नायाब ने इंस्टाग्राम पर शेयर करते ही फैंस के बीच शोक की लहर दौड़ गई। पंकज के निधन पर एक फैंस ने लिखा, "इस खबर से बहुत दुख हुआ। विश्वास नहीं हो रहा। सबसे दयालु और प्यारे पंकज उधास जी! ईश्वर आपको और परिवार को कठिन समय में शक्ति दे। एक और फैन ने लिखा  "सुनकर बहुत बुरा लगा, बहुत दुखद खबर। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुख की घड़ी में भगवान आपको और आपके परिवार को इस अपूरणीय क्षति से निपटने की शक्ति दे।"

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(A screengrab from the post | Image: Instagram)

चिठ्ठी आई है से मिली शोहरत

ये बात है साल 1986 की, जब संजय दत्त और अमृति सिंह की फिल्म 'नाम' के लिए पंकज उधास ने गाना गाया। वो गाना था, 'चिठ्ठी आई है आई है चिठ्ठी आई है...'। फिल्म में गाने के आते ही दर्शकों की आंखें नम हो गईं। पंकज उधास की आवाज ने हर किसी को अपनी मुरीद बना लिया। संजय दत्त को थियेटर में देखने गए लोग पंकज उधास के फैन बनकर लौटते थे। हालत तो ये हो गई लोग उनकी आवाज में इस गाने को सुनने के लिए फिल्म देखने जाते थे।

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कौन थे पंकज उदास?

अपने चार दशकों के करियर में दिवंगत गायक ने 'चिट्ठी आई है' और 'जीये तो जीयें कैसे' जैसे सदाबहार फिल्मी गानों में अपनी आवाज दी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में आहट नामक एक गजल एल्बम के रिलीज के साथ की और उसके बाद 1981 में मुकर्रर, 1982 में तरन्नुम, 1983 में महफिल, 1984 में रॉयल अल्बर्ट हॉल में पंकज उदास लाइव, 1985 में नायाब और 1986 में आफरीन जैसी कई हिट फिल्में के गाने रिकॉर्ड कीं। 2006 में, पंकज उधास को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 26 February 2024 at 17:20 IST