अपडेटेड 10 November 2025 at 18:16 IST
बॉलीवुड के हीमैन Dharmendra का शानदार फिल्मी सफर, मुस्कान, एक्शन और रोमांस का जादू आज भी बरकरार
Dharmendra news : बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की तबीयत अचानक बिगड़ने से फैंस चिंतित हैं। उन्हें सांस लेने की तकलीफ हो रही है। धर्मेंद्र का फिल्मी सफर 1960 से शुरू हुआ, जिसमें 300+ फिल्में हैं।
- मनोरंजन समाचार
- 3 min read

Dharmendra Career : बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र (Dharmendra) की तबीयत अचानक बिगड़ने की खबर ने फैंस और फिल्म इंडस्ट्री को गहरी चिंता में डाल दिया है। 89 साल के दिग्गज को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल (Breach Candy Hospital) में भर्ती कराया गया है, जहां वे सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद निगरानी में हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। 8 दिसंबर को वो 90 साल पूरे करने वाले हैं।
धर्मेंद्र की मुस्कान, एक्शन और रोमांस का वो जादू आज भी बरकरार है, जो लाखों दिलों में बसा है। धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर, 1935 को पंजाब में लुधियाना के पास एक छोटे से गांव नसराली में हुआ था। एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले धर्मेंद्र ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वे बॉलीवुड के सबसे चहेते हीरो बन जाएंगे। 1960 में आई अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से उनका सफर शुरू हुआ, जो एक सादगी भरी प्रेम कहानी थी।
यादगार रोल्स की झलक
धर्मेंद्र एक्शन से लेकर कॉमेडी तक, दर्शकों की हर उम्मीदों पर खरे उतरे। धर्मेंद्र का फिल्मी करियर एक ऐसा एल्बम है, जिसमें हर पन्ना यादगार है। 1970 के दशक में वे 'एक्शन हीरो' के रूप में धूम मचाने लगे। 1975 में रिलीज हुई 'शोले' उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बनी। वीरू के किरदार में उनका वो डायलॉग 'बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना' आज भी गूंजता है। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी 'एंग्री यंग मैन' की अनोखी मिसाल बनी, जिसने बॉलीवुड को नई ऊंचाइयां दीं।
हर किरदार से दिलों को छुआ
फिर 1972 में आई 'सीता और गीता', जहां उन्होंने दोहरी भूमिका निभाई और हेमा मालिनी के साथ अपनी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को अमर कर दिया। ये फिल्म न सिर्फ हिट हुई, बल्कि धर्मेंद्र को 'डबल रोल किंग' का खिताब दिलाया। कॉमेडी में उनकी धमक 'चुपके चुपके' (1975) में देखने को मिली, जहां अमिताभ, जया बच्चन और शर्मिला टैगोर के साथ उनका टाइमिंग का कमाल आज भी हंसाता है। 'राम बलराम' (1976) जैसी मसाला फिल्मों से वे आम आदमी के हीरो बने। कुल मिलाकर, 300 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले धर्मेंद्र ने हर किरदार से लोगों के दिलों को छुआ, रोमांस से लेकर एक्शन, ड्रामा से लेकर पारिवारिक कहानियां तक।
Advertisement
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित
धर्मेंद्र को 2012 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उनकी कला और योगदान का प्रमाण है। इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है। धर्मेंद्र की जिंदगी फिल्मों से परे भी प्रेरणादायक है। वे एक सफल पिता हैं, जिनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल ने भी बॉलीवुड में नाम कमाया। हेमा मालिनी के साथ उनका वैवाहिक जीवन और राजनीति में सक्रियता उन्हें एक संपूर्ण व्यक्तित्व बनाती है।
आज जब धर्मेंद्र अस्पताल के बेड पर हैं, तो पूरा बॉलीवुड उनके लिए दुआ कर रहा है। धर्मेंद्र की कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची स्टारडम मेहनत और सादगी से आती है। उनकी फिल्में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। भगवान उन्हें शीघ्र स्वस्थ करें और वो फिर से स्क्रीन पर चमकें यही फैंस की कामना है।
Advertisement
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 10 November 2025 at 18:16 IST