Published 12:59 IST, August 24th 2024
अपने बच्चों को यह 5 फिल्में जरूर दिखाएं, मनोरंजन के साथ आगे बढ़ने की भी मिलती है सीख
माना जाता है कि बच्चे के पहले शिक्षक उसके पेरेंट्स ही होते है। बचपन में वो जो सीखता है वो ताउम्र उसकी मेमोरी में फिट हो जाता है। समाज की समझ जब बाहर कदम रखता है तब सीखता है। इसी दायरे में सिनेमा भी आता है। जो मनोरंजन करने के साथ ही उन पर एक प्रभाव भी छोड़ता है।
माना जाता है कि बच्चे के पहले शिक्षक उसके पेरेंट्स ही होते है। बचपन में वो जो सीखता है वो ताउम्र उसकी मेमोरी में फिट हो जाता है। समाज की समझ जब बाहर कदम रखता है तब सीखता है। इसी दायरे में सिनेमा भी आता है। जो मनोरंजन करने के साथ ही उन पर एक प्रभाव भी छोड़ता है।
ऐसी कई फिल्में हैं जो बच्चों के देखने के लायक नहीं होती, क्योंकि बच्चे बेहद ही मासूम होते हैं उनके सामने जो पेश किया जाता है वह उसे सच मान लेते है। ऐसी सूरत में पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि वह अपने बच्चों को ऐसी कौन सी फिल्में दिखाएं, जिससे वह मनोरंजन के साथ-साथ कुछ सीख भी सकें।
आज हम आपको ऐसी ही पांच फिल्मों के नाम बताने जा रहे है जो आपको अपने बच्चों को जरूर दिखनी चहिए।
‘अंबरेला’ एक ऐसी मूवी है जो बच्चे को उदारशील बनाती है, उसमें दया भाव पैदा करती है। इस फिल्म में दूसरों के प्रति सहानुभूति का सधा संदेश दिया गया है। बताया गया है कि दूसरों के प्रति दयालु होने से जीवन में एक खास तरह का परिवर्तन आता है। यह फिल्म हमें सिखाती है कि कैसे दूसरों की बातों को ध्यान से सुनने और समझने की जरूरत है।
बात एक शॉर्ट फिल्म ‘पिप’ की। जो बच्चों को साहसी बनने की सीख देती है। ये एक पिल्ले की कहानी है। जो एक साउथईस्टर्न गाइड डॉग बनना चाहता है। जहां वह खुद को सक्षम साबित करने के लिए अपने साहस का परिचय देता है।
वहीं, ‘स्नैक अटैक’ बच्चों को चतुर बनने की सलाह देती है। फिल्म बताती है कि किसी भी काम को करने से पहले सोचना जरूरी है। फिल्म एक बुजुर्ग महिला की कहानी है। जिसे स्नैक्स (कुकीज) से बेहद प्यार है। आगे इसमें कई ऐसे मोड़ आते हैं जो सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या किसी की सूरत ही उसकी सीरत की गारंटी है?
समाज में बैलेंस कैसे हो, क्या किसी को नीचा दिखाकर या भेदभाव कर समाज सुघड़ हो सकता है? इस सवाल का जवाब देती है 'द रॉंग रॉक'। जो बच्चों को बराबरी की सीख देती है। शानदार कहानी को बड़े सलीके से पर्दे पर उतारा गया है। इसमें लिंगवाद, नस्लवाद, आयुवाद, राजनीतिक या धार्मिक उत्पीड़न के बारे में बात की गई है।
एनिमेशन में बच्चों की जान बसती है। तो अब जिक्र उस फिल्म का जो मिलजुलकर काम करने के लिए प्रेरित करती है। एनिमेटेड शार्ट फिल्म ‘ओरिजिन’ है इसका नाम! जो बच्चों को टीमवर्क की अहमियत बताती है। इस फिल्म में दो देवताओं, सूर्य देव और जल देवी के जरिए बच्चों को समझाया गया है कि मिलकर आगे बढ़ने में ही भलाई है।
(IANS)
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Updated 12:59 IST, August 24th 2024