अपडेटेड 22 April 2023 at 07:23 IST

Karnataka: विरुपाक्ष मंदिर में है भगवान शिव द्वारा रावण को दिया शिवलिंग, दुनिया की धरोहरों में शामिल

Karnataka के हंपी शहर में सुप्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व एतिहासिक धरोहर की सूची में भी शामिल है।

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Virupaksha Temple
Virupaksha Temple | Image: self

Virupaksha Temple: यूं तो देशभर में भगवान शिव के कई मंदिर बने हुए हैं, लेकिन कर्नाटक के हंपी में स्थित विरुपाक्ष मंदिर का विशेष महत्व है। इस मंदिर में भगवान शिव के विरुपाक्ष रूप की पूजा होती है। मंदिर के शिवलिंग को स्वयंभू कहा जाता है। भगवान शिव के 64 ज्योतिर्लिंग में इस मंदिर का नाम आता है। द्वविड़ शैली में इस मंदिर का निर्माण किया गया  है। 

कर्नाटक के बेल्लारी जिले में हंपी में विरुपाक्ष मंदिर मौजूद है। यह जगह बेंगलुरू से करीब 350 किलोमीटर दूर है। कहा जाता है कि हंपी को ही रामायण काल में वानर नगरी किष्किंधा के नाम से जाना जाता था। मंदिर में मौजूद शिवलिंग दक्षिण की ओर झुका है। यहां पर तीन गोपुरम बने हुए हैं, जिसमें से मुख्य गोपुरम 50 मीटर ऊंचा है। 

विरुपाक्ष और पंपा को समर्पित है मंदिर 

मूलरूप से यह मंदिर भगवान विरुपाक्ष और उनकी पत्नी पंपा को समर्पित है। इस मंदिर ‘पंपावटी’ के नाम से भी जाना जाता है। ईंट और चूने से निर्मित इस मंदिर में भगवान शिव के पत्र गणेश जी की मूर्ति भी स्थापित है। वहीं मंदिर के पूर्व में नंदी की विशाल प्रतिमा बनी हुई है। इसके अलावा समय-समय पर कई राजाओं ने यहां पर अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजमान कराई। तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर के आसपास और भी कई मंदिर बने हुए हैं। हर साल मार्च-अप्रैल में यहां पर भव्य रथयात्रा भी निकाली जाती है। 

रामायण काल की पौराणिक कथा है प्रसिद्ध

इस मंदिर से संबंधित एक पौराणिक कथा भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर में वही शिवलिंग स्थापित है, जो भगवान शिव ने रावण को दिया था। रावण वह शिवलिंग लेकर लंका जा रहा था। बीच में वह यहां पर रुका और शिवलिंग कुछ देर के लिए एक बूढ़े आदमी को पकड़ने के लिए कहा। बूढ़े आदमी ने शिवलिंग को नीचे रख दिया। इसके बाद रावण ने लाख कोशिशें की, लेकिन शिवलिंग को हिला न सका। उसने भगवान शिव से भी प्रार्थना की, लेकिन महादेव ने शिवलिंग उठाने से इनकार कर दिया।  एक अन्य पौराणिक कता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण तैरने वाले पत्थरों से किया गया है। 

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विश्व एतिहासिक धरोहर की सूची में शामिल

विरुपाक्ष मंदिर अपनी शानदार नक्काशी और स्थापत्य कला के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर की दीवारों में वह चित्र भी बने हुए हैं, जिनमें रावण भगवान शिव से प्रार्थना कर रहा होता है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व एतिहासिक धरोहर (वर्ल्ड हेरिटेज साइट) की सूची में भी शामिल किया हुआ है। अगर आप भी कभी कर्नाटक जाए तो इस मंदिर को अपनी विश लिस्ट में जरूर शामिल करें। 

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Published By : Mohit Jain

पब्लिश्ड 22 April 2023 at 07:23 IST