अपडेटेड 7 September 2024 at 14:50 IST

विनेश और बजंरग पूनिया को लेकर कांग्रेस ने कर दी बड़ी गलती? बैठे बिठाए BJP को दे दिया चुनावी मुद्दा

विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया के कांग्रेस में जाने पर बीजेपी सवालों की बौछार कर रही है। इन खिलाड़ियों ने पिछले साल दिल्ली में आंदोलन किया था।

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Vinesh Phogat and Bajrang Punia join Congress
विनेश फोगाट और बजंरग पूनिया ने कांग्रेस ज्वाइन की। | Image: Facebook

Vinesh Phogat : पहलवान विनेश फोगाट 'देश की बेटी' के बाद 'कांग्रेस की बेटी' बन चुकी हैं। सालभर के घटनाक्रम में विनेश फोगाट ने जिस तरह बीजेपी विरोध में, खासकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने की कोशिश की, उनका झुकाव कांग्रेस की ओर तभी स्पष्ट था। 6 सितंबर 2024 को आधिकारिक तौर पर विनेश फोगाट ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और इनाम के तौर पर पार्टी ने भी ठीक उसी दिन जुलाना से उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट थमा दिया। हालांकि ये चाल अब उल्टी पड़ने लगी है, क्योंकि रेसलिंग विवाद को 'राजनीतिक स्टंट' बताकर भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मुद्दा बना लिया है।

पिछले साल दिल्ली में खिलाड़ियों का बड़ा आंदोलन हुआ, जिसमें विनेश फोगाट के साथ बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे पहलवान अहम भूमिका में थे। खैर खिलाड़ियों के आंदोलन में कांग्रेस की भूमिका संदिग्ध रही। अभी जिस तरह आंदोलन का चेहरा रहे विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने कांग्रेस को ज्वाइन किया है, तो लोग उसे सबूत के तौर पर देख रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी भी जनता के बीच संदेश देने में जुट चुकी है कि वो महिलाओं-पहलवानों के खिलाफ नहीं है और विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया का आंदोलन एक राजनीतिक स्टंट था।

विनेश फोगाट पर सवालों की बौछार

बीजेपी लगातार हमलावर है और विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया पर सवालों की बौछार कर रही है। पूर्व WFI अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह कहते हैं कि '18 जनवरी 2023 को जब जंतर-मंतर पर प्रदर्शन शुरू हुआ था, तब मैंने कहा था कि ये खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं है, इसके पीछे कांग्रेस है, खासकर भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, प्रियंका, राहुल, ये कांग्रेस का आंदोलन है और आज ये बात सच साबित हुई है।'

यहां तक कि भारतीय कुश्ती महासंघ के मौजूदा अध्यक्ष संजय सिंह कहते हैं, 'ये तो होना ही था। पूरा देश जानता है कि ये पूरा विरोध कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और इसका मास्टरमाइंड दीपेंद्र हुड्डा यानी हुड्डा परिवार था। इस विरोध की नींव उस दिन पड़ गई थी, जब प्रधानमंत्री ने बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। ये पूरी साजिश इसलिए भी रची गई, क्योंकि ओलंपिक में कुश्ती के 4-5 मेडल आने वाले थे। विरोध का असर उन मेडल पर भी पड़ा। ओलंपिक वर्ष में 2 साल तक कुश्ती की कोई गतिविधि नहीं हुई, इसलिए हमें कम मेडल मिले। हमारे पहलवान अभ्यास नहीं कर पाए।'

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हरियाणा बीजेपी के नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज कहते हैं कि पहलवानों का विरोध प्रदर्शन कांग्रेस ने ही रचा था। कांग्रेस खिलाड़ियों की आड़ में राजनीति कर रही थी। विनेश फोगाट को टिकट के मुद्दे पर अनिल विज ने  तंज कसते हुए कहा कि अगर वो देश की बेटी से कांग्रेस की बेटी बनना चाहती हैं तो हमें कोई ऐतराज नहीं।

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क्या था खिलाड़ियों का आंदोलन?

18 जनवरी 2023 को, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों के पदक विजेता विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया (ओलंपिक पदक विजेता भी हैं), 2016 ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक समेत कई पहलवान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकजुट हुए। 3 दिनों का आंदोलन 40 दिन तक खिच गया। 18 जनवरी से लेकर आंदोलन जंतर-मंतर पर 40 दिनों तक चला, क्योंकि खिलाड़ियों ने थोड़ा ब्रेक लिया। हालांकि 23 अप्रैल से 2023 से एक बार फिर पहलवान सड़कों पर आ गए। कभी संसद मार्च, कभी जंतर मंतर पर प्रदर्शन तो कभी सड़कों पर कुश्ती के जरिए पहलवानों ने आक्रोश दिखाया।

दिलचस्प ये था कि पहलवानों ने शुरुआत में आंदोलन से राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को अलग रखा था, लेकिन जब पूरा आंदोलन बीजेपी विरोधी हो चुका था तो राजनीतिक पार्टियों की हिस्सेदारी आंदोलन में बढ़ गई। महिला पहलवानों ने WFI के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। मामला अभी अदालत में चल रहा है।

क्या कांग्रेस ने कर दी बड़ी गलती?

विनेश फोगाट कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद भी लड़ाई लड़ने की बात कर रही हैं, लेकिन राजनीति में एंट्री के बाद कैसे मान लिया जाएगा कि ये सियासत नहीं है। इसको समझना होगा कि एक खिलाड़ी के तौर पर किसी भी व्यक्ति के लिए समर्थन में पूरा देश खड़ा हो सकता है, लेकिन राजनीति में ऐसी नहीं है। राजनीति में समर्थन के साथ विरोध भावना भी लोगों के बीच में होती है। कुछ इसी तरह विनेश फोगाट जब देश के लिए खेलती रहीं और खासकर पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वॉलिफाई करारा दिए जाने के बाद हर कोई उनके समर्थन में खड़ा था। अब राजनीति में एंट्री के बाद विनेश फोगाट को विरोध भी देखना होगा। इसी मौके पर बीजेपी चुनावों के बीच अपने संदेश को ठीक से अगर पहुंचाने में सफल रही और जो सिंपथी, लोगों का सपोर्ट विनेश फोगाट को मिला था, वो बदला तो कांग्रेस को जुलाना सीट पर ही नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 7 September 2024 at 14:43 IST