अपडेटेड 19 February 2024 at 13:15 IST
Swami Prasad Maurya ने बना ली नई पार्टी, जानिए क्या होगा नाम, सोशल मीडिया पर होने लगा ट्रेंड
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रिपब्लिक भारत पर खुलकर बोला कहा कि 22 फरवरी को वो नए राजनीतिक दल का एलान करेंगे और 22 के बाद तय करेंगे कि वो किसके साथ जाएंगे।
- चुनाव न्यूज़
- 3 min read

Swami Prasad Maurya New Party: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। कई दिनों से नाराज चल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने अलग पार्टी बना ली है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार 19 फरवरी को समाजवादी पार्टी छोड़ते हुए नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है। स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद यह बात सामने आई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रिपब्लिक भारत पर खुलकर बोला कहा कि 22 फरवरी को वो नए राजनीतिक दल का एलान करेंगे और 22 के बाद तय करेंगे कि वो किसके साथ जाएंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने 13 फरवरी को महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा कि अब फैसला पार्टी प्रमुख को करना है। मौर्य ने तब दावा किया था कि वह बिना किसी पद के समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे। फिलहाल उन्होंने नई पार्टी का ऐलान कर दिया है।
पार्टी का नाम 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' रखा
सोशल मीडिया पर दावा है कि मौर्य ने अपनी नई पार्टी का नाम 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' रखा है और वो 22 फरवरी को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी की रैली को संबोधित करेंगे। सोशल मीडिया पर मौर्य की नई पार्टी की फोटो भी शेयर की जा रही हैं।
कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्य?
स्वामी प्रसाद मौर्य मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं और समाजवादी पार्टी के नेता हैं। 2 जनवरी 1954 को प्रतापगढ़ में जन्मे मौर्य खुद को शोषित-पीड़ित और वंचित वर्ग का नेता बताते हैं। वो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आते हैं। 5 बार विधानसभा के सदस्य होने के साथ-साथ यूपी सरकार में मंत्री, विपक्ष के नेता और सदन के नेता भी रहे हैं।
Advertisement
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना राजनीतिक सफर 1980 में शुरू किया और 1996 से 2002 तक पहली बार विधायक बने। वो 1991 में महासचिव के रूप में जनता दल में शामिल हुए और 1996 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मार्च से अक्टूबर 1997 तक वो बीजेपी समर्थित मायावती सरकार में मंत्री रहे। 2002 से 2003 तक वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में मंत्री बनकर लौटे।
2017 से जनवरी 2022 तक मौर्य यूपी की बीजेपी शासित सरकार में श्रम, रोजगार और समन्वय के कैबिनेट मंत्री थे। 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और जनवरी 2022 में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
Advertisement
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 19 February 2024 at 13:08 IST