अपडेटेड 19 April 2023 at 07:34 IST
यहां Sachin Tendulkar कर चुके हैं भगवान कार्तिकेय के दर्शन, परशुराम ने करवाया था तीर्थ का निर्माण
दक्षिण कर्नाटक जिले में स्थित Kukke Subramanya Temple कर्नाटक का सबसे अमीर मंदिर है, जहां भगवान कार्तिकेय की नागरूप में पूजा की जाती है।
- चुनाव न्यूज़
- 2 min read

Kukke Subramanya Temple: भारत के हर राज्य की अपनी अलग पहचान और संस्कृति है। कर्नाटक राज्य का इतिहास हजारों साल पुराना है। यहां पर कई ऐसे मंदिर बने हुए हैं, जिनमें दर्शन के लिए विश्वभर से श्रद्धालु आते हैं। तमाम हस्तियां भी अपने काम सिद्ध करने के लिए इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। कर्नाटक के कुक्के सुब्रमण्या मंदिर का इतिहास 5000 सालों से भी अधिक पुराना बताया जाता है।
इस मंदिर को कर्नाटक के सबसे अमीर मंदिर होने का गौरव भी प्राप्त है। किवदंतियों के अनुसार भगवान परशुराम ने इस मंदिर का निर्माण किया था। यह मंदिर दक्षिण कर्नाटक में DK District के सुलिया नामक गांव में स्थित है, जो मैंगलोर से करीब 100 किलोमीटर दूरी पर हैं। सचिन तेंदुलकर से लेकर अमिताभ बच्चन तक इस मंदिर में दर्शन के लिए आ चुके हैं।
सचिन सहित तमाम हस्तियां कर चुकी हैं दर्शन
साल 2006 में सचिन तेंदुलकर इस मंदिर में दर्शन के लिए आए थे। चोट के कारण उनके करियर में उस समय कई उतार-चढ़ाव आ रहे थे। अपनी पत्नी अंजिल और सभी भाई-बहनों के संग सचिन दो दिनों तक मंदिर में रुके थे और काल सर्प दोष पूजा कराई थी। वह तीन बजे उठकर ठंडे पानी से स्नान किया करते और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करते थे। वह अपनी यात्रा को प्राइवेट रखना चाहते थे, लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग इतनी अधिक है कि जैसे ही लोगों को पता चला सचिन मंदिर में दर्शन के लिए आए हैं, तो लोगों की भीड़ उमड़ गई।
पिछले साल शादी से पहले केएल राहुल अपनी होने वाली पत्नी अथिया शेट्टी के साथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। एक समय ऐसा था, जब अमिताभ बच्चन की सभी फिल्में फ्लॉप हो रही थी। उस समय अमिताभ बच्चन ने भी मंदिर में पहुंकर भगवान सुब्रमण्या का आशीर्वाद प्राप्त किया था। अजय देवगन, रवि शास्त्री सहित तमाम हस्तियां मंदिर में दर्शन कर चुकी हैं।
Advertisement
यह भी पढ़ें- Karnataka: किष्किंधा जहां हुआ था बाली-सुग्रीव में युद्ध, श्रीराम को मिले थे हनुमान जैसे मित्र
कार्तिकेय की नाग रूप में होती है पूजा
मंदिर का इतिहास 5000 सालों से भी अधिक पुराना है। मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम ने सात तीर्थ का निर्माण कराया, जिसमें से एक कुक्के सुब्रमण्या मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की नाग रूप में पूजा होती है। साथ ही नागराज वासुकी की पूजा भी यहां की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिकेय और गणेश जी ने इस स्थान पर राक्षसों का वध किया था।
Advertisement
इस मंदिर में दर्शन से पहले यात्री कुमारधारा नदी में स्नान करते है। इस स्नान को भी काफी पवित्र माना जाता है। यहां पर विशेष रूप से काल सर्प दोष की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कार्तिकेय की सवारी मोर है और मोर सर्प खाता है, इसीलिए इस मंदिर में सर्प दोष दूर हो जाते हैं। मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कहा जाता है कि एक बार जिसने इस मंदिर में दर्शन कर लिए, उसका जीवन ही बदल जाता है। गर्भगृह और प्रवेश द्वार के बीच में एक सिल्वर प्लेटेड गरुड़ स्तंभ है, जो विशेष आकर्षण का केंद्र है। माना जाता है कि यह स्तंभ मंदिर में आने वाले भक्तों को वासुकी की जहरीली सांस से बचाने के लिए है।
Published By : Mohit Jain
पब्लिश्ड 19 April 2023 at 07:34 IST