Updated March 20th, 2019 at 08:59 IST
UP में प्रियंका के 'सियासी सफर' का तीसरा दिन, आज मोदी के गढ़ में भरेंगी हुंकार
ये प्रियंका के सियासी सफ़र की शुरुआत है। यूपी का चक्रव्यूह तोड़ने के लिए प्रियंका अपने सबसे बड़े मिशन पर निकली हैं।
Advertisement
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने 3 दिन के यूपी दौरे पर हैं। अपने दौरे के आखिरी दिन प्रियंका आज प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगी। यहां भी उनकी धर्म यात्रा जारी रहेगी।
प्रियंका सबसे पहले कॉशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगी, इसके बाद शीतला माता मंदिर जाएंगी। दर्शन के बाद दशामेध और अस्सी जाएंगी, जहां स्थानीय लोंगो और पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करेंगी।
अपने दौरे के दूसरे दिन यानी कल उन्होंने पहले सीतामढ़ी मंदिर में दर्शन किए, फिर विंध्यवासिनी मंदिर में पूजा की। और उसके बाद दरगाह और मजार का रुख किया।
ये प्रियंका के सियासी सफ़र की शुरुआत है। यूपी का चक्रव्यूह तोड़ने के लिए प्रियंका अपने सबसे बड़े मिशन पर निकली हैं। ऐसा मिशन जिससे ना सिर्फ़ कांग्रेस में जान फूंकनी है बल्कि कांग्रेस की खोई हुई ज़मीन भी वापस दिलवानी है। और इसीलिए प्रियंका गांधी बोट यात्रा पर हैं।
5 साल पहले दुनिया ने बनारस में गंगा के बेटे को देखा था और अब मां गंगा की लहरों पर सवार होकर कांग्रेस की डूबती पतवार संभालने की कोशिश प्रियंका कर रही है। यात्रा के पहले दिन प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान के दर्शन किए उनकी आरती की।
फिर संगम तट पर पहुंची और मां गंगा को प्रणाम किया। दूसरे दिन प्रियंका गांधी ने मिर्जापुर में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और विंध्यावासिनी मंदिर में दर्शन किए।
मंदिर के बाद मौलाना चिश्ती की मजार पर भी प्रियंका ने चादर चढ़ाई। लेकिन यात्रा के दूसरे दिन प्रियंका गांधी का अंदाज़ आक्रमक हो गया। बोट यात्रा पर निकली प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया।
दूसरे दिन प्रियंका के तेवर तल्ख रहे, सीएम योगी की सरकार के दो साल पहुा होने पर भी प्रियंका ने हमला किया।
हालांकि वोट के लिए बोट यात्रा पर निकलीं प्रियंका को लोगों के ग़ुस्से का सामना भी करना पड़ा। जिस वक़्त प्रियंका मां विंध्यावासिनी के दर्शन कर रही थीं, तब मंदिर के बाहर मौजूद कुछ महिलाएं हर हर मोदी के नारे लगाने लगीं। जिसके बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया और प्रियंका गांधी के चुनावी कैंपने पिकनिक करार दे दिया।
इसे भी पढ़ें - केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के बिगड़े बोल, प्रियंका गांधी को बताया ‘पप्पू की पप्पी’
दरअसल प्रियंका गांधी अपनी कर्मभूमि में बंजर जमीन पर हरियली की आस में उतरी है। हालांकि उनकी ये कोशिश कितनी कारगर साबित होती है ये तो चुनावी नतीज़ों के बाद ही साफ़ हो पाएगा।
Advertisement
Published March 20th, 2019 at 08:54 IST