अपडेटेड 16 April 2023 at 05:54 IST

Karnataka: किष्किंधा जहां हुआ था बाली-सुग्रीव में युद्ध, श्रीराम को मिले थे हनुमान जैसे मित्र

Karnataka में हम्पी से 20 किलोमीटर की दूरी पर अनेगुंडी नाम की जगह को रामायण काल की किष्किंधा नगरी बताया जाता है।

Follow : Google News Icon  
kishkindha in karnataka (pc: Karnataka tourism)
kishkindha in karnataka (pc: Karnataka tourism) | Image: self

Ramayan's Kishkindha in Karnataka: कर्नाटक में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियों ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। यह राज्य अपने इतिहास, कला और संस्कृति के लिए मशहूर है। कर्नाटक का अपने आप में पौराणिक महत्व भी है। तमाम धर्मग्रंथों में रामायण में भी इस राज्य के बारे में जिक्र देखने को मिलता है। 

रामायण में ‘किष्किंधा कांड’ काफी प्रसिद्ध है। किष्किंधा नाम की आज कोई भी जगह कर्नाटक के नक्शे में मौजूद नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट्स की माने तो बेंगलुरू से करीब 400 किलोमीटर दूर और कप्पोल जिले में स्थित हम्पी से करीब 20 किलोमीटर दूर अनेगुंडी नाम की एक जगह ही असल में रामायण में जिक्र की गई किष्किंधा नगरी है। 

अनेगुंडी और किष्किंधा में समानताएं

अनेगुंडी गांव में कई ऐसे सबूत हैं, जो रामायण काल से संबंध रखते हैं। इसे पहाड़ों की नगरी भी कहा जाता है। यहां चारों ओर पत्थर की चट्टानें और पहाड़ देखे जा सकते हैं। रामायण में किष्किंधा नगरी के बारे में भी ऐसा ही वर्णन देखने को मिलता है। यहां पर कई प्राचीन गुफाएं भी बनी हुई हैं। 

ऋषिमुख पर्वत पर हुआ था बाली-सुग्रीव का युद्ध

इस स्थान पर तुंगभद्रा नदी बहती है। लोगों का मानना है कि यहां पर पहले पंपा सरोवर हुआ करता था। बाली का किला, सुग्रीव की गुफा, मधुबन, तारा पर्वत, ऋषिमुख पर्वत जैसी अनेकों जगह ऐसी है, जो रामायण के साक्षात सबूत पेश करते हैं। ऋषिमुख पर्वत की ही वह स्थान है, जहां पर बाली और सुग्रीव के बीच युद्ध हुआ था। असल में बाली ने सुग्रीव को महल से निकाल दिया था और उसकी पत्नी को भी अपने पास रख लिया।

Advertisement

श्रीराम ने किया था बाली का वध

भगवान राम और लक्ष्मण जब सीता को ढूंढते हुए किष्किंधा पहुंचे तो उनकी मुलाकात हनुमान और सुग्रीव से हुई। राम ने सुग्रीव को मदद का आश्वासन दिया और बाली का वध किया। किवदंती है कि बाली ने अपनी सारी संपत्ति वहीं पर एक गुफा में छिपा दी थी, जो आज भी मौजूद है, लेकिन कोई उसे ढूंढ नहीं पाया।  

यह भी पढ़े- 2400 साल पहले पाटलिपुत्र से सैकड़ों मील दूर कर्नाटक में चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने किया था संथारा

Advertisement

राम जी से पहली बार मिले थे हनुमान

भगवान राम अपने परमभक्त और मित्र हनुमान से पहली बार यहीं पर मिले थे। अपने प्रभु के दर्शन कर हनुमान जी गदगद हो गए थे। अनेगुंडी में ही आंजनेय पर्वत नाम का एक पहाड़ है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर बजरंगबली का जन्म हुआ था। यहां पर भगवान हनुमान का एक मंदिर भी बना हुआ है, जहां तक पहुंचने के लिए करीब 575 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। यह पहाड़ सुनहरे रंग का प्रतीत होता है।

इसके अलावा और भी कई ऐसी बातें है, जिससे प्रमाणित किया जाता है कि यही वास्तव में किष्किंधा नगरी हुआ करती थी। यहां की पहाड़ियों, चट्टानों और गुफाओं पर हजारों साल पुराने चित्र बने हुए हैं। इनमें वानरों के भी चित्र अंकित है। ऐसा भी कहा जाता है कि उन चित्रों को असल में वानरों ने ही 5 से 7 हजार साल पहले बनाया है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु हम्पी के पास मौजूद इस नगरी में भ्रमण के लिए आते हैं।  

यह भी पढ़े- दक्षिण भारत के काशी नाम से प्रसिद्ध हैं कर्नाटक के ये दो मंदिर, वाराणसी जितना है महत्व

Published By : Mohit Jain

पब्लिश्ड 16 April 2023 at 05:48 IST