अपडेटेड 20 May 2024 at 19:11 IST

फूलपुर सीट, जहां से नेहरू ने 3 बार फहराया था परचम, 40 साल से एक अदद जीत के लिए तरस रही कांग्रेस

जवाहरलाल नेहरू 1952, 1957 और 1962 में तीन बार फूलपुर से चुने गए। नेहरू के अलावा विश्वनाथ प्रताप सिंह फूलपुर सीट से सांसद चुने गए थे, जो 1989-90 में PM रहे।

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Jawaharlal Nehru
ormer Prime Minister Jawaharlal Nehru | Image: PTI/File

Phulpur Lok Sabha Seat: देश के सबसे बड़े चुनाव में फूलपुर लोकसभा सीट हमेशा चर्चा का विषय रही है। इसकी बड़ी वजहों में यहां का राजनीतिक इतिहास भी है, जहां से दो भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और वीपी सिंह चुने गए। 2024 में अभी फूलपुर लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी। इसके लिए तैयारियां जबरदस्त हैं, लेकिन इसे भी समझना होगा कि कांग्रेस यहां पिछले 40 साल से एक अदद जीत के लिए तरस रही है।

1984 के बाद से फूलपुर ने कांग्रेस को स्वीकार नहीं किया है, जबकि उसके पहले ये 'हाई-प्रोफाइल' निर्वाचन क्षेत्र  पार्टी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था। आजादी के बाद से हुए 3 उप-चुनावों समेत 19 संसदीय चुनावों में से 7 में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। राम पूजन पटेल फूलपुर से संसद में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले आखिरी कांग्रेसी सांसद थे। कांग्रेस के हालात ये हैं कि जिस फूलपुर में जवाहर लाल नेहरू ने खाता खोला था, वहां पार्टी आज मैदान छोड़ चुकी है।

पहली बार फूलपुर में नेहरू ने खाता खोला

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस निर्वाचन क्षेत्र का संसदीय खाता खोला था। उसके बाद उन्होंने यहां जीत की हैट्रिक लगाई। जवाहरलाल नेहरू 1952, 1957 और 1962 में तीन बार फूलपुर से चुने गए। 1962 में नेहरू ने राम मनोहर लोहिया को 64,571 वोट के अंतर से हराया था। नेहरू के अलावा विश्वनाथ प्रताप सिंह फूलपुर सीट से सांसद चुने गए थे, जो 1989-90 में प्रधानमंत्री रहे।

नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में विजयलक्ष्मी पंडित ने फूलपुर उपचुनाव जीता। उन्होंने 1967 में सीट बरकरार रखी। 1969 के उपचुनाव में कांग्रेस ने पहली बार फूलपुर में हार का मुंह देखा था। हालांकि अगले ही चुनाव (साल 1971) में विश्वनाथ प्रताप सिंह कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आए। 1977 और 1980 के चुनाव कांग्रेस हारी, लेकिन 1984 में आखिरी बार कांग्रेस को फूलपुर में जीत मिली थी। उसके बाद से यहां कांग्रेस का खाता नहीं खुला है।

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फूलपुर ने अतीक अहमद को भी बनाया था सांसद

1984 के बाद इस सीट का प्रतिनिधित्व बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने किया है। बसपा ने एक बार फूलपुर सीट का प्रतिनिधित्व किया था। सपा यहां 5 बार जीतने में कामयाब रही, जिसमें 2017 का उपचुनाव भी शामिल था। अब मारे जा चुके गैंगस्टर अतीक अहमद ने भी 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फूलपुर सीट जीती। 2014 में बीजेपी के टिकट पर केशव प्रसाद मौर्य ने जीत हासिल की थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने सीट छोड़ दी थी।

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फूलपुर में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला

2024 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर से बीजेपी ने प्रवीन पटेल को उतारा है तो अमरनाथ सिंह मौर्य सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। बसपा ने जगन्नाथ पाल को टिकट दिया है। इससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। बीजेपी लगातार दूसरी बार जीत की कोशिश में लगी है, जबकि सपा को कांग्रेस के सहारे चुनाव जीतने की उम्मीद है। बहुजन समाज पार्टी ने उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को और दिलचस्प कर दिया है।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 20 May 2024 at 16:11 IST