अपडेटेड 2 February 2025 at 08:43 IST
Milkipur By Election: मिशन मिल्कीपुर पर CM योगी, 6 महीने में छठी रैली; सपा का किला भेदने के लिए करेंगे विशाल
उत्तर प्रदेश के मिल्लीपुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव के लिए प्रचार-प्रसार अंतिम दौर में है।
- चुनाव न्यूज़
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उत्तर प्रदेश के मिल्लीपुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव के लिए प्रचार-प्रसार अंतिम दौर में है। समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए ये साख का सवाल बन गई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव की बागडोर खुद CM योगी ने संभाल रखी है। 6 महीने में योगी की छठी रैली मिल्तीपुर में होने जा रही है।
CM योगी आज मिल्कीपुर में एक बार फिर जनसभा को संबोधित करेंगे। और इसके अगले दिन यानी 3 फरवरी को रोड शो कर बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान के समर्थन प्रचार करेंगे। मुख्यमंत्री पिछली जनसभा में विधायकों और मंत्रियों को दिए टास्क की भी समीक्षा करेंगे। उपचुनाव से पहले सीएम योगी का आखिरी दौरा कई मायनों में काफी अहम माना जा रहा है। चुनाव प्रचार में बचे आखिरी दाे दिनों में बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोक दी है।
मिल्कीपुर में सीएम योगी भरेंगे हुंकार
मिल्कीपुर में 2 फरवरी को सीएम योगी विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे तो सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी जनसभा को संबोधित करेंगे। सपा ने यहां से फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को चुनावी रण में उतारा है। कांग्रेस ने सपा को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। वहीं, बीएसपी ने भी यहां से कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। यहां बीजेपी और सपा के बीच चुनावी जंग है।
सपा और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
मिल्कीपुर उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। 5 फरवरी को मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। इस उपचुनाव के लिए बीजेपी अयोध्या में लोकसभा चुनाव के समय मिली हार का बदला लेना चाहती है, जबकि समाजवादी पार्टी के लिए ये सीट महत्वपूर्ण है कि पिछले विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने यहां से पार्टी को जीत दिलाई थी।
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मिल्कीपुर में कौन सी जाति गेमचेंजर?
मिल्कीपुर सीट हिंदू बाहुल्य सीट है, जिसमें कोरी, जाटव और धोबी समेत अन्य दलित समुदायों की अच्छी खासी आबादी है। मिल्कीपुर में साढ़े 3 लाख से अधिक पात्र मतदाता हैं, जिन्हें जातीय स्तर पर समझा जाए तो सवा लाख के आसपास दलित मतदाता हैं। ओबीसी वोटर्स दूसरे नंबर पर आते हैं, जिनमें यादव सबसे प्रभावी हैं। उसके अलावा 60 हजार के करीब ब्राह्मण और 25 हजार के करीब ठाकुर बताए जाते हैं।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 2 February 2025 at 08:23 IST