अपडेटेड 13 March 2024 at 14:50 IST

खड़गे-कमलनाथ-दिग्विजय, दूसरी लिस्ट में भी दिग्गज नदारद; कांग्रेसियों को सता रहा मोदी लहर का डर या...

मल्लिकार्जुन खड़गे अभी राज्यसभा के सदस्य हैं और दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। कमलनाथ फिलहाल मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से विधायक हैं।

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Mallikarjun Kharge, Digvijaya Singh and Kamal Nath
मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ | Image: ANI/PTI-File

Loksabha Polls : क्या कांग्रेस में बड़े-बड़े नेता चुनाव लड़ने से पीछे हट रहे हैं, क्या कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को 2024 में हार का डर है? लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने के बाद ये सवाल उठ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार (12 मार्च 2024) को कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आई। नई लिस्ट में 43 उम्मीदवारों के नाम थे, लेकिन इसमें भी कई दिग्गजों का नाम शामिल नहीं था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत, मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, यहां तक की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम नई लिस्ट में नहीं आया।

कांग्रेस ने शुक्रवार (8 मार्च 2024) को 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम भी शामिल था। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के नामों का ऐलान हुआ था। पहली लिस्ट में भूपेश बघेल को टिकट मिलने के बाद संभावनाएं थीं कि दूसरी लिस्ट में कई दिग्गजों को भी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में कांग्रेस उतरा सकती है, लेकिन दूसरी सूची में मल्लिकार्जुन खड़गे, कमलनाथ जैसे किसी बड़े नेताओं को नहीं रखा गया।

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता भी अब कांग्रेस पर तंज कसने लगे हैं। पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं- 'कांग्रेस एक हारी हुई लड़ाई लड़ रही है। इस सूची में कोई प्रमुख नाम शामिल नहीं है। इसके विपरीत बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सभी नेताओं के नाम थे। हम समझ सकते हैं कि कांग्रेस के लिए आने वाला समय बहुत खराब है। इनके नेता मैदान पहले से ही छोड़ रहे हैं उसका परिणाम दिख रहा है।'

बीजेपी के नेता अजय आलोक एएनआई से बातचीत में कहते हैं, 'कांग्रेस की पहली और दूसरी दोनों सूची मिलाकर भी 100 उम्मीदवार नहीं मिल पाए हैं। कोई कांग्रेस पार्टी से लड़ना ही नहीं चाहता है, सब भागना चाहते हैं। राहुल गांधी अमेठी से नहीं लड़ना चाहते हैं, प्रियंका गांधी रायबरेली से नहीं लड़ना चाहती हैं।'

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'कई बड़े नेता चुनाव लड़ने के मूड में नहीं'

बीजेपी नेताओं के हमलों के बीच जरा कांग्रेस के भीतर की स्थिति को समझा जाए तो पिछले कुछ वक्त से चर्चाएं चल रही हैं कि कई बड़े नेता चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं। खुद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दे रहे हैं। खड़गे अपनी उम्र का जिक्र कर रहे हैं। पिछले दिनों जब खड़गे से चुनाव लड़ने को लेकर पूछा गया तो जवाब में कहा- ‘मेरी उम्र 83 साल है, आपको (पत्रकार) तो 65 में सेवानिवृत्त कर देते हैं। मैं 83 साल का हूं...अगर आप मौका दिए....सब (कार्यकर्ता) बोलेंगे, तो जरूर लडूंगा।’

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मध्य प्रदेश में कमलनाथ छिंदवाड़ा छोड़ना नहीं चाहते हैं। कमलनाथ के जबलपुर सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं। क्योंकि छिंदवाड़ा से उनके बेटे नकुलनाथ को कांग्रेस टिकट दे चुकी है। हालांकि दूसरी सूची से पहले कमलनाथ कह चुके थे कि- 'वो किसी भी कीमत पर छिंदवाड़ा नहीं छोड़ने वाले हैं।' कमलनाथ अब छिंदवाड़ा नहीं छोड़ेंगे तो दूसरी सीट से चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाएगा।

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दिग्विजय सिंह भी खुलकर चुनाव में उतरने का ऐलान नहीं कर रहे हैं। सवाल पूछे जाते हैं तो जवाब गोलमोल आता है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत भी चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं।

खड़गे अभी संसद के ऊपर सदन राज्यसभा के सदस्य हैं और दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। कमलनाथ फिलहाल मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से विधायक हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इन नेताओं के नामों पर कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में भी चर्चा हुई थी। हालांकि फैसला ये हुआ कि कमलनाथ, दिग्विजय जैसे नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे।

कांग्रेसियों को सता रहा मोदी लहर का डर?

ये तय है कि 2024 की चुनावी लड़ाई पिछली बार से अधिक भीषण होने वाली है। इस बार भी जबरदस्त मोदी लहर देश में दिखाई पड़ती है। बीजेपी का 'गेम प्लान' भी विपक्ष के मुकाबले काफी मजबूत दिखता है। खासकर 400 पार का नारा गढ़कर बीजेपी विपक्ष पर बड़ा प्रेशर बना चुका है।

तो अब क्या ये समझा जाए कि देश में 'मोदी लहर' के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हार के डर से मैदान में नहीं उतर रहे हैं या ये माना जाए कि ये नेता चुनावों में अपनी छवि खराब नहीं होना चाहते हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों में बड़े-बड़े दिग्गजों के पांव उखड़ गए थे। 2019 में भोपाल से दिग्विजय सिंह को करारी हार मिली थी। अमेठी से कांग्रेस के दिग्गज राहुल गांधी तक हार गए थे। कुल मिलाकर ये नेता बड़ी दुविधा में दिखाई पड़ते हैं।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 13 March 2024 at 14:39 IST