अपडेटेड 25 February 2024 at 12:52 IST

7 साल बाद UP में फिर राहुल-अखिलेश की जोड़ी सड़कों पर साथ-साथ, रोक पाएगी PM मोदी का 'विजय रथ'?

अखिलेश यादव अपना PDA का झंडा लेकर राहुल गांधी की यात्रा का हिस्सा बनेंगे। आगरा में इसके लिए मंच सजा है, जहां दोनों नेता अपनी ताकत दिखाने वाले हैं।

Follow : Google News Icon  
Akhilesh Yadav and Rahul Gandhi
अखिलेश यादव और राहुल गांधी | Image: ANI/File

Lok Sabha Elections: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयी रथ पर सवार हैं तो पूरे देश में बीजेपी विजयी ध्वज लेकर घूम रही है। अभी 2024 में हैट्रिक के साथ टारगेट 400 पार जीत का है तो बीजेपी ने तैयारी पहले के मुकाबले और मजबूती के साथ की है। हालांकि बीजेपी को टक्कर देने के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने हाथ मिलाया है, जिसका पहला संयुक्त कार्यक्रम आज आगरा में है। 7 साल के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक मंच पर उतरने वाले हैं।

राहुल गांधी बहुत पहले से ही भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हुए हैं। पूर्वांचल से होते हुए राहुल की ये यात्रा पश्मिची यूपी तक आ पहुंची है, लेकिन आज अखिलेश यादव अपना PDA का झंडा लेकर राहुल गांधी की इस यात्रा का हिस्सा बनेंगे। आगरा में इसके लिए मंच सजा है, जहां दोनों नेता अपनी ताकत दिखाने वाले हैं।

राहुल की न्याय यात्रा, अखिलेश का PDA दांव

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश कहते हैं कि 'आज का सबसे प्रमुख कार्यक्रम 3 बजे आगरा में होगा, जहां समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव और राहुल गांधी का संयुक्त जन संबोधन होगा।'

हालांकि यात्रा कांग्रेस पार्टी है, कार्यक्रम कांग्रेस का है, लेकिन यहां अखिलेश यादव अपना PDA दांव भी चल रहे हैं। अखिलेश ने इसे PDA यात्रा करार दिया है। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव करते हैं, 'मैं न्याय यात्रा में शामिल होऊंगा और वो PDA यात्रा होगी।'

Advertisement

यह भी पढ़ें: 400 पार के लिए 'टारगेट 160' बीजेपी के लिए क्यों अहम? बिग प्लान में यूपी की 14 सीटें शामिल

गठबंधन के बाद अखिलेश हुए राजी

वैसे अखिलेश ने राहुल गांधी की यात्रा का हिस्सा बनने में बहुत वक्त लिया है, क्योंकि कुछ दिनों पहले तक दोनों दलों में सिर फुटव्वल जैसी नौबत आई हुई थी।   बात सीट बंटवारे पर फंसी थी, जिसे लेकर उत्तर प्रदेश में गठबंधन पर असमंजस की स्थिति बन चुकी थी। अखिलेश यादव के राहुल के साथ यात्रा करने पर भी सस्पेंस था। 21 फरवरी को गठबंधन के ऐलान के बाद अखिलेश राहुल की यात्रा में शामिल होने के लिए राजी हुए।

Advertisement

2017 में ये जोड़ी साथ नजर आई थी। उस समय अखिलेश-राहुल की जोड़ी को लेकर नारा भी गड़ा गया- 'यूपी के दो लड़के'। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया था। उसी दौरान इस गठबंधन ने एक और नारा दिया था- 'यूपी को ये साथ पसंद है'। ये नारा अखिलेश और राहुल गांधी को लेकर था। अभी 7 साल बाद 2024 में अखिलेश-राहुल की जोड़ी साथ दिखेगी।

PM मोदी का 'विजय रथ' रोक पाएगी ये जोड़ी?

सपा और कांग्रेस दोनों ने 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा की थी, जिसके तहत कांग्रेस 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और बाकी 63 सीटों पर सपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। लोकसभा चुनाव के नतीजे क्या रहते हैं, ये वक्त पर ही पता चलेगा, लेकिन 2017 का चुनाव साफ कहता है कि उत्तर प्रदेश को 'दो लड़कों' का साथ पसंद नहीं है।

2017 में 'यूपी के दो लड़कों' राहुल गांधी और अखिलेश यादव का लिटमस टेस्ट हुआ था, लेकिन ये जोड़ी फेल साबित हुई। 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में NDA ने 325 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस और सपा गठबंधन महज 54 सीटों पर सिमट चुका था। सपा को 47 तो कांग्रेस को 7 सीटें ही मिल पाई थीं। इसी के साथ ये जोड़ी फुस्स हो गई और गठबंधन फेलियर बनकर रह गया।

यह भी पढ़ें: यूपी में सलमान खुर्शीद, गुजरात में अहमद पटेल फैमिली...कैसे पुराने धुरंधरों को दरकिनार कर रही कांग्रेस?

Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 25 February 2024 at 12:52 IST