अपडेटेड 6 June 2024 at 16:46 IST
Mamata Banerjee Masterstroke: बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जिस अंदाज में अपने विरोधियों और अपने साथियों संग मिलकर मुकाबला किया नतीजा उनके पक्ष में गया तो गठबंधन का दोस्त कांग्रेस 2 से 1 सीट पर सिमट गया।
ममता बनर्जी की बंपर जीत उनके कॉन्फिडेंस की गवाही देती है। इसमें बीजेपी को हराने की जिद्द तो दिखती ही है साथ ही कांग्रेस की कमजोर पकड़ का सटीक आकलन भी झलकता है। लगातार दिखाती रही आंख,
इंडी अलायंस जहां 234 सीटों के साथ ठीक ठाक पोजिशन पर दिख रहा है तो वहीं बंगाल में दीदी का बढ़ता कद उनके लिए भविष्य में मुसीबत का सबब बन सकता है। वो पहले भी अपने तेवर दिखाती रही हैं। हाल ही में 1 जून को घटक दलों की बैठक में भी दिल्ली नहीं पहुंची तो सीट शेयरिंग के दौरान भी आंखें दिखाती रहीं। उसका ही नतीजा था कि कांग्रेस अलग लड़ी और वो अलग! चुनावी नतीजों से पहले ही कह चुकी थीं कि वो इंडी अलायंस की सरकार बनने पर समर्थन तो करेंगी लेकिन बाहर से।
ममता बनर्जी ने जो कहा उसे जमीन पर उतार भी दिया। सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी चली तो ममता ने खुलकर विरोध सार्वजनिक जगहों पर किया। TMC प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 जनवरी को अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया। वो क्षेत्रीय दलों को अहमियत देने की मांग को लेकर खफा थीं। कांग्रेस 10-12 सीट मांग रही थी और ममता 2 पर ही अड़ी थीं।
चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि दीदी ने हवा में नहीं तीर छोड़ा था बल्कि वो अपने स्टैंड को लेकर क्लियर थीं। पता था कि कांग्रेस को लेकर सकारात्मकता का संचार बंगाल में नहीं है और बीजेपी से टक्कर लेनी है तो उन्हें कमान अपने हाथ में ही संभालनी होगी। नतीजा सामने है दीदी का कद बढ़ गया और कांग्रेस का उनके मुकाबले में घट गया। तभी तो राजनीति पर नजर रखने वाले इसे ममता का मास्टर स्ट्रोक करार दे रहे हैं।
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पब्लिश्ड 6 June 2024 at 16:40 IST