अपडेटेड 7 April 2024 at 23:47 IST
सपा ने जिस सीट पर तीन बार बदला प्रत्याशी, जानें उस मुरादाबाद लोकसभा का समीकरण
Lok Sabha elections : 1957 में अस्तित्व में आई यूपी की मुरादाबाद सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जा था, लेकिन 2014 में चली मोदी लहर का असर यहां भी देखने को मिला था।
- चुनाव न्यूज़
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UP Lok Sabha Chunav 2024 : 2024 के महासंग्राम में प्रत्याशी दावों और वादों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं, ताकि किसी तरह से जीत हासिल की जा सके। पश्चिमी यूपी की हॉट सीट मुरादाबाद संसदीय सीट पर बीजेीप और इंडी गठबंधन में कड़ा मुकाबला है। बीजेपी ने मुरादाबाद संसदीय सीट से सर्वेश सिंह को मैदान में उतारा है, वहीं सर्वेश सिंह को चुनौती देने के लिए इंडी गठबंधन ने सपा के रूचि वीरा पर दांव लगाया है।
सर्वेश सिंह और रूचि वीरा में मुकाबले की अगर बात करें तो सर्वेश सिंह को पार्टी के बड़े नेताओं का समर्थन है। सीएम योगी और केंद्रीय मंत्री उनके समर्थन में प्रचार कर रहे हैं। वहीं रूचि वीरा के नाम पर इंडी गठबंधन में आपसी कलह चल रही है। क्योंकि सपा ने पहले इस सीट पर एसटी हसन को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद से ही उनका विरोध हो रहा है।
कांग्रेस का गढ़ था मुरादाबाद
1957 में अस्तित्व में आई यूपी की मुरादाबाद सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जा था, लेकिन 2014 में चली मोदी लहर का असर यहां भी देखने को मिला। 2014 के आम चुनाव में BJP के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह ने यहां जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 के आम चुनाव में सपा के एसटी हसन ने यहां से जीत दर्ज की और बार मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
मुरादाबाद का जातीय समीकरण
किसी भी चुनाव के परिणाम में जातीय समीकरण की अहम भूमिका होती है। मुरादाबाद में कुल साढ़े 19 लाख वोटर है, जिसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर 8.80 लाख है, जाटव 1.80 लाख, राजपूत, 1.5 लाख, सैनी 1.5 लाख, वैश्य, 74 हजार, ब्रम्हाण 45 हजार, वाल्मीकी 43 हजार, यादव 29 हजार, पंजाबी 42 हजार और 15 हजार विश्नोई समाज के मतदाता है।
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कैसे बदली राजनीति?
रुचि वीरा को टिकट मिलने का कारण आजम खां हैं। अखिलेश यादव ने पहले अजम खां के कहने पर रुचि वीरा को टिकट नहीं दिया था, लेकिन अजम खां उनकी मनमानी पर नाराज हो गए। जिसके कारण रुचि वीरा को टिकट दिया गया। एस.टी. हसन ने टिकट कटने के बाद बगावती सुर दिखाने शुरू कर दिए थे। इसके बाद फिर अखिलेश यादव ने रुचि वीरा का टिकट कैंसिल करने के लिए पत्र लिखा।
ये पत्र 27 मार्च को जारी हुआ था। इसी दिन रुचि वीरा ने अपना नॉमिनेशन दाखिल किया था और ये नॉमिनेशन का आखिरी दिन था। पत्र लखनऊ से मुरादाबाद चुनाव ऑफिसर के पास भेजा गया, लेकिन समय से पत्र नहीं पहुंचने के कारण लेटर को रिसीव नहीं किया गया। जिस वजह से फिलहाल मुरादाबाद सीट से सपा की प्रत्याशी रुचि वीरा ही हैं।
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लोकसभा चुनाव 2024 में सियासी गर्मी 400 पार और मोदी की हैट्रीक को लेकर तेज है, तो दूसरी तरफ मुरादाबाद में इंडी गठबंधन के लिए फिलहाल सबसे बड़ी विडंबना ये है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर आपसी कलह सातवें आसमान पर है। कहीं न कहीं इससे बीजेपी को फायदा होता दिखाई दे रहा है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 April 2024 at 23:46 IST