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अपडेटेड 17:33 IST, April 2nd 2024

संसद में ज्यादा मुसलमानों का होना कल्याण की कोई गारंटी नहीं, PM मोदी पर रखे भरोसा- शाहनवाज हुसैन

हुसैन ने 1990 के दशक में राज्य की किशनगंज सीट से जीत दर्ज करके लोकसभा में पदार्पण किया था और वह मुस्लिम बहुल उक्त सीट जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार बने थे।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Deepak Gupta
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Shahnawaz Hussain
Shahnawaz Hussain | Image: PTI

Lok Sabha Election : भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी द्वारा वितरित किये गए टिकटों में मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के सवाल को टालते हुए अल्पसंख्यक समुदाय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "सबका साथ, सबका विकास" के आदर्श वाक्य पर विश्वास करने का आग्रह किया।

पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "संसद में अधिक मुसलमानों का होना उनके कल्याण की कोई गारंटी नहीं है। जब पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तो शायद लोकसभा और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सबसे ज्यादा था और उसी समय बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी।"

बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा

हुसैन ने यह भी बताया कि पार्टी ने केरल के कालीकट से एक मुस्लिम शिक्षाविद् को टिकट दिया है और लक्षद्वीप में इस समुदाय के एक अन्य सदस्य को मैदान में उतारे जाने की संभावना है। बिहार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यहां राजग का एक मुस्लिम उम्मीदवार है जिसका भाजपा समर्थन करेगी। जहां तक हमारी पार्टी की बात है तो हम सिर्फ 17 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम हर जाति और धर्म को प्रतिनिधित्व नहीं दे सकते।"

हुसैन ने 1990 के दशक में राज्य की किशनगंज सीट से जीत दर्ज करके लोकसभा में पदार्पण किया था और वह मुस्लिम बहुल उक्त सीट जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार बने थे। यह निर्वाचन क्षेत्र अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पास है जो भाजपा की सहयोगी पार्टी है। एक दिन पहले जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

भाजपा और सामान्य रूप से राजग में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व आनुपातिक रूप से कम होने के बारे में उन्होंने कहा, "यह कोई राशन की दुकान नहीं है जहां आप कोटा तय कर सकते हैं"।

असंतुष्ट सांसदों के प्रति हुसैन ने जताई नाराजगी

हुसैन ने उन असंतुष्ट सांसदों के प्रति भी नाराजगी जताई जिन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है और वे पार्टी के खिलाफ अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। उनका इशारा मुजफ्फरपुर के अजय निषाद, जो कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, और सासाराम के छेदी पासवान की तरफ था जिनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है।

हुसैन, जो वर्तमान में संसद या राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, ने कहा, "मैं यह नहीं कह सकता कि पार्टी ने मेरे साथ अन्याय किया है। मैं छह बार सांसद रहा हूं। मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र का मंत्री था। एक रिकॉर्ड जो अटूट है। इसके बाद मुझे राज्य मंत्रिमंडल में सेवा देने और राज्य मंत्रिपरिषद का सदस्य बनने का मौका मिला।"

उन्होंने कहा, ‘‘अब भी पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में मीडिया को संबोधित करने का मौका दिया है। केवल इसलिए कि पार्टी ने दो बार सांसद बनने का मौका देने के बाद इस बार किसी और को मौका दे दिया है, इसलिए पार्टी के खिलाफ निंदा करना बेहद निंदनीय है।"

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

पब्लिश्ड 17:33 IST, April 2nd 2024