अपडेटेड 2 May 2024 at 08:35 IST

'40 साल से रजाकारों के प्रतिनिधि संसद में, इस बार माधवी लता को दें मौका',ओवैसी के गढ़ में गरजे शाह

बीजेपी सांसद माधवी लता के लिए वोट अपील करने केंद्रीय गृहमंत्री ओवैसी के गढ़ हैदराबाद पहुंचे थे।

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madhavi latha and amit shah
माधवी लता और अमित शाह | Image: x/@Kompella_MLatha

Hyderabad Madhavi Latha: बीजेपी की फायर ब्रांड उम्मीदवार माधवी लता के पक्ष में कैंपेनिंग करने पहुंचे अमित शाह जमकर AIMIM प्रत्याशी पर बरसे। बिना नाम लिए ओवैसी को निशाने पर लिया।

विशाल जनसमूह को संबोधित किया। मंच से ओवैसी को ललकारा। वादे के साथ दावा कि वोट डालने वाले सभी सुरक्षित रहेंगे। आजाद मन से अपना प्रतिनिधि चुनने की सलाह भी दी। यहां 14 मई को चौथे चरण में मतदान होना है।

40 साल से संसद में रजाकारों के प्रतिनिधि- अमित शाह

हैदराबाद में माधवी लता के समर्थन में रोड शो किया। गृह मंत्री ने लोगों से भाजपा कैंडिडेट माधवी लता को चुनने और इस सीट को रजाकारों से मुक्त करने का आग्रह किया। अमित शाह ने AIMIM पार्टी पर इशारों इशारों में हमला किया। बोले-  "40 साल से हैदराबाद को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। रजाकारों के प्रतिनिधि वहां (संसद) जाकर बैठे हैं। इस बार मौका मिला है माधवी लता को प्रचंड बहुमत से जीता कर भेजें और हैदराबाद को रजाकारों से मुक्ति दिलाने का काम करें।''

डरने की जरूरत नहीं- अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री आगे बोले-, "...किसी को डरने की जरूरत नहीं है, किसी में भी हैदराबाद में किसी भी व्यक्ति को छूने की हिम्मत नहीं है। इस बार, स्वतंत्र मन से वोट करें, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, हर मतदाता को कमल का बटन दबाना चाहिए और हैदराबाद को मुख्यधारा से जोड़ना चाहिए। "

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रजाकार चर्चा में, माधवी लता ने भी किया था जिक्र

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी माधवी लता ने एक बयान में कहा था-  महिलाओं का सड़कों पर चलना, या हिंदुओं का मंदिरों में पूजापाठ मुश्किल हो चुका है, और इसकी वजह रजाकारों से लगाव रखने वाले लोग हैं। उनके निशाने पर ओवैसी थी।

इतिहास में रजाकार उन ट्रेंड मिलिट्री फोर्सेस के सिपाही थे जिनको आजादी के बाद विदेशी ताकतों के जोर पर हैदराबाद को भारत से अलग करना चाहते थे। कुछ बड़े लोगों का वरद हस्त था। जिसमें से एक था हैदराबाद का रिटायर्ड अधिकारी महमूद नवाज खान। उसने मजलिस इत्तेहाद उल मुस्लिमीन नाम का संगठन बनाया था। ये एक चरमपंथी संगठन था। इसने ही रजाकार फौज तैयार की, एक पैरा मिलिट्री थी। जो निरंकुश थे, हथियार चलाने में माहिर थे।

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इन्होंने अपनी ताकत दिखाने के लिए कत्लेआम मचाया। खासकर हिंदुओं को टारगेट किया। इन्हें बाद में भारतीय सेना ने ऑपरेशन पोलो चलाकर सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था।

कड़ी टक्कर दे रहीं माधवी लता

माधवी लता हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। हैदराबाद में उन्हें सामाजिक कार्य करने के लिए भी पहचाना जाता है। माधवी चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन को भी हेड करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को आगे बढ़ाने का काम भी करती हैं।

यही वजह है कि ओवैसी के लिए इस बार जीत आसान नहीं है। ओवैसी की तरह ही लता भी भाषण बखूबी देती हैं, अटैकिंग हैं और लोग उनकी बातों से काफी प्रभावित भी होती हैं। तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान शेड्यूल है। 13 मई यानि चौथे चरण में यहां वोट पड़ेंगे। 

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 2 May 2024 at 08:35 IST